जुबिली स्पेशल डेस्क
लखनऊ। लोकसभा चुनाव में सपा और कांग्रेस ने मिलकर यूपी में बेहद शानदार प्रदर्शन किया है। उनके इस प्रदर्शन की वजह से बीजेपी को बड़ा नुकसान उठाना पड़ता है।
ऐसे में दस सीटों पर होने वाले उपचुनाव को लेकर दोनों दलों ने फिर से कमर कस ली है। हालांकि पहले खबर आ रही थी कि दोनों दलों के बीच उपचुनाव को लेकर तालमेल नहीं बैठ पा रहा है लेकिन प्रियंका गांधी की वजह से अखिलेश यादव और राहुल गांधी में इसको लेकर अच्छी बातचीत हुई और मामला सुलझा लिया गया है।
देश के जाने-माने अखबार ने इस पर विस्तार से एक रिपोर्ट छापी है और बताया है कि कैसे प्रियंका गांधी की वजह से मामला सुलक्ष गया है। अखबार के मुताबिक कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने बीते हफ्ते अपने आवास पर समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव और रायबरेली सांसद राहुल गांधी के बीच बैठक कराई।
बताया जा रहा है कि प्रियंका गांधी के चाय पर बुलवाये के बाद दोनों नेताओं में उपचुनाव को लेकर बातचीत की गई। इस रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि भले ही लोकसभा चुनाव में दोनों दलों ने मिलकर चुनाव लड़ा हो लेकिन माना जा रहा है कि दोनों के बीच रिश्ते करीबी नहीं है।
ऐसे में इसका फायदा बीजेपी उठा सकती है। इसलिए अखिलेश और राहुल के बीच रिश्तों को मजबूत करने के लिए प्रियंका गांधी ने ये पहल की है, जो काफी अच्छी साबित हुई।
सूत्रों ने यूपी में गठबंधन के शानदार प्रदर्शन का श्रेय लेने के लिए कांग्रेस और सपा के बीच छिड़ी होड़ की ओर इशारा किया। दोनों दलों ने आगामी विधानसभा उपचुनाव साथ मिलकर लड़ने और वर्ष 2027 का विधानसभा चुनाव एक साथ लड़ने का फैसला किया है।
प्रियंका को लगता है कि अलायंस लंबे वक्त तक चले ऐसे में दोनों के बीच के अंतर को खत्म करने की जरूरत है. इसीलिए प्रियंका ने अखिलेश यादव, उनकी पत्नी और मैनपुरी से सांसद डिंपल यादव और कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष को अपने आवास पर चाय के लिए बुलाया। सूत्रों के अनुसार प्रियंका ने अखिलेश से कहा कि दोनों दलों के बीच स्वाभाविक तालमेल है और दोनों नेताओं को और अधिक चर्चा और बेहतर समझ की जरूरत है।
कुल मिलाकर दोनों एक साथ मिलकर चुनाव में उतरते हैं तो इसका सीधा फायदा दोनों दलों को होगा और विरोधियों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। लोकसभा चुनाव में बीजेपी को इसी वजह से बड़ा नुकसान उठाना पड़ा है। अगर उपचुनाव में भी दोनों मिलकर लड़ते हैं तो एक बार फिर बीजेपी को नुकसान उठाना पड़ सकता है।