न्यूज डेस्क
चीन अक्सर अपने काम से दुनिया के अन्य देशों को हैरान करता रहा है। एक बार फिर चीन पूरी दुनिया को हैरान करने जा रहा है। चीन के इस कदम पर किसी को भरोसा नहीं हो रहा है।
दरअसल चीन दस दिनों में वुहान की पूरी आबादी का कोरोना टेस्ट करवाने जा रहा है। इस खबर से पूरी दुनिया अवाक है।
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वुहान ही वह शहर है जहां पिछले साल दिसंबर में कोविड 19 का पहला मामला सामने आया था। जनवरी माह में वुहान कोरोना के संक्रमण का केंद्र बन गया था।
वुहान की आबादी 1.1 करोड़ है और इन सभी लोगों का कोरोना टेस्ट कराने के लिए स्थानीय प्रशासन ने योजना बनाने पर काम शुरू कर दिया है। इसके तहत सबसे पहले उन लोगों का टेस्ट किया जाएगा जिन्हें जोखिम ज़्यादा है। जैसे स्वास्थ्य सेवाओं में लगे हुए लोग।
अधिकारियों का कहना है कि टेस्टिंग की प्रक्रिया चरणबद्ध तरीके से बड़े पैमाने पर सैंपल इक_ा करके की जाएंगी। चीन की इस महत्वकांक्षी योजना का मतलब है कि हर रोज वुहान में दस लाख लोगों की टेस्टिंग की जाएगी।
फिलहाल अभी चीन की हर रोज चालीस से साठ हजार तक की टेस्टिंग क्षमता है जिसे बड़े पैंमाने पर बढ़ाने की जरूरत पड़ेगी।
एक ओर जहां दुनिया के कई देशों में कोविड 19 का कम संख्या में टेस्ट होने पर सवाल उठाया जा रहा है वहीं चीन द्वारा एक दिन में दस लाख टेस्ट करने को दुनिया भर के वैज्ञानिक व डॉक्टर चमत्कार मान रहे हैं।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अमरीका के न्यूयॉर्क स्थित काउंसिल ऑफ फॉरेन अफेयर्स में ग्लोबल हेल्थ के सीनियर फेलो यानजोंग हुआंग कहते हैं, “हम किसी चमत्कार की ही उम्मीद कर सकते हैं।”
वह आगे कहते हैं, वुहान की पूरी आबादी का टेस्ट करवाना एक ‘बहुत खर्चीला’ काम है, “लेकिन दिमाग में यह बात रख लीजिए यह चीन है। जिस तरह से यहां लॉकडाउन लागू किया गया वो भी कम खर्चीला नहीं था, लेकिन मकसद है कि किसी भी कीमत पर अधिकतम सुरक्षा प्रदान करना है।”
टेस्ट कराने के पीछे क्या है मकसद
पिछले सप्ताह वुहान में एक ही कॉम्पलेक्स से कोरोना के छह नए मामले सामने आने के बाद चीन ने यह बड़ा कदम उठाया है।
इन नए मामलों मे कोरोना का कोई भी लक्षण नहीं दिखाई पड़ रहा था लेकिन इनका टेस्ट कोरोना पॉजिटिव आया है। ऐसे मामलों को एसिम्प्टोमैटिक कहते हैं यानी जिनमें संक्रमित होने का कोई लक्षण ना हो। इसके बाद कॉम्पलेक्स में रह रहे 5,000 लोगों के टेस्ट कराने के आदेश दिए गए।
चीन ने यह कदम दूसरे दौर के संक्रमण के बढ़ते खतरे को देखते हुए उठाया है। दूसरे दौर के संक्रमण का खतरा अधिकारियों के लिए सिरदर्द बना हुआ है।
कई देशों में ऐसे मामले सामने आ चुके हैं। दक्षिण कोरिया में भी दोबारा कोरोनो संक्रमण के मामले सामने आए हैं।
वुहान में आठ अप्रैल को 11 हफ्ते के सख्त लॉकडाउन के बाद छूट मिली थी, लेकिन अब इन नए मामलों के सामने आने के बाद दूसरे दौर के संक्रमण का ख़तरा बढ़ गया है। चीन के दूसरे शहरों में भी ऐहतियाती कदम उठाए जा रहे हैं। ट्रेन और बस सेवाएं रद्द कर दी गई हैं। सिनेमा, जिम और इंटरनेट कैफे सब बंद कर दिए गए हैं।
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चीनी सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के चीफ एपिडॉमॉलिजिस्ट वू जुनयो का कहना है कि निगेटिव टेस्ट आने के बाद फिर से नए मामलों के आने के बाद सरकार हाई अलर्ट पर है। उन्होंने सरकारी मीडिया सीसीटीवी से कहा, “वाकई में वुहान में एक से ज़्यादा ऐसे मामले मिले हैं जिनमें संक्रमण की अवधि 30 से 50 दिनों तक है। वायरस कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों में ज़्यादा दिनों तक अपना प्रभाव कायम रख सकता है। ”
क्या यह मुश्किल काम है?
इस मामले में कुछ लोगों का कहना है कि वुहान की पूरी आबादी में से ठीक-ठीक संख्या में लोग या तो क्वारंटीन से पहले शहर से जा चुके हैं या फिर हाल के हफ़्तों में उनकी जांच हुई है। इसिलए टेस्टिंग शुरू होने के बाद अधिकारियों के लिए यह बहुत मुश्किल काम नहीं होगा।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक वुहान में 40 से 50 लाख लोगों की जांच पहले ही हो चुकी है।
वुहान यूनिवर्सिटी में रोग जनक जीव विज्ञान के डिप्टी डायरेक्टर यांग झान्की के अनुसार, “वुहान बाकी साठ से 80 लाख लोगों की टेस्टिंग दस दिनों में करने में सक्षम है।
वहीं जानकारों का कहना है कि यदि 60 से 80 लाख लोगों का ही टेस्ट करना है तो भी यह मुश्किल काम है। सिर्फ दस दिनों में पूरी टेस्टिंग करने के लिए हर रोज छह से आठ लाख लोगों की टेस्टिंग करनी होगी और यह एक चुनौती होगी।
हुबेई की प्रांतीय सरकार ने 22 अप्रैल को बताया था कि हर रोज 89,000 लोगों की टेस्टिंग की जा रही है। इसमें हुबेई की राजधानी वुहान में होने वाली टेस्टिंग भी शामिल थी। यहां एक दिन में 63,000 लोगों की टेस्टिंग की जा रही थीं। अधिकारियों के मुताबिक 10 मई को वुहान में सिर्फ 40,000 टेस्ट हुए थे।
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कम समय पर उठ रहा है सवाल
दस दिनों में इतनी बड़ी आबादी का कोरोना टेस्ट, यह बात किसी को हजम नहीं हो रहा है। हालांकि कुछ आशावादी लोगों का कहना है कि अगर चीन की सरकार ठान ले तो यह संभव है।
13 मई को चीनी मीडिया ने वुहान के अधिकारियों के हवाले से कहा है कि बड़े पैमाने पर टेस्टिंग का काम मुख्य तौर पर थर्ड पार्टी कंपनी की मदद से किया जाता है। स्थानीय अस्पताल अपने लोगों को भेज कर सैंपल इक_ा करने का काम करते हैं। अधिकारियों के अनुसार थर्ड पार्टी की टेस्टिंग क्षमता एक लाख प्रति दिन होती है और इसलिए यह संभव है कि इतने कम समय में इतने बड़े पैमाने पर टेस्टिंग के लक्ष्य को हासिल किया जा सके।
अखबार के मुताबिक, “इसलिए टेस्टिंग चरणबद्ध तरीके से किया जाएगा। मतलब कि कुछ जिलों में 12 मई से शुरू होंगी तो कुछ में 17 मई से और सभी जिलों में दस दिनों के अंदर में टेस्टिंग की प्रक्रिया खत्म कर ली जाएगी।”
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