जुबिली न्यूज़ डेस्क
नई दिल्ली. दूसरे देशों की ज़मीनें हड़पते जाने में व्यस्त चीन ने लद्दाख में भारतीय ज़मीन पर कब्ज़ा करने से पहले भारत के पारम्परिक दोस्त नेपाल से कलह करवा दी. इधर अमरनाथ यात्रा को सुगम बनाने के लिए बनाई गई सड़क के कुछ हिस्से पर नेपाल ने अपना दावा ठोकते हुए संसद से नया नक्शा पारित करवा लिया तो दूसरी तरफ नेपाल को बिहार में भी भिड़ा दिया.
नेपाल जिस चीन की शह पर उस देश के साथ भिड़ा हुआ है जिसके साथ उसका रोटी-बेटी का रिश्ता रहा है उसी चीन ने तिब्बत सीमा पर नेपाल के एक गाँव पर कब्ज़ा कर लिया है और वहां से नेपाल के प्रशासन को डरा-धमका कर भगा दिया है.
नेपाल के एक अखबार अन्नपूर्णा पोस्ट के मुताबिक़ चीन ने तिब्बत सीमा पर नेपाल के एक गाँव रूई गुवान पर कब्ज़ा कर लिया है चीन इसे तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र का हिस्सा बताता है. बताते हैं कि चीन का इस गाँव पर करीब 60 साल से कब्ज़ा है लेकिन नेपाल की कभी चीन से भिड़ने की हिम्मत नहीं पड़ी. अब तो चीन ने नेपाल के प्रशासनिक अधिकारियों को भी इस गाँव से भगा दिया है. अखबार ने इस मुद्दे पर नेपाल के प्रधानमंत्री के.पी.ओली को आड़े हाथों लिया है.
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चीन ने नेपाल को भारत के खिलाफ खड़ा कर दिया है लेकिन खुद नेपाल की ज़मीनों पर कब्ज़ा करने में लगा हुआ है. नेपाल सरकार को इस बात की जानकारी भी है लेकिन वह चीन के खिलाफ आवाज़ नहीं उठा पा रहा है. नेपाल के कृषि मंत्रालय की रिपोर्ट भी यह बताती है कि नेपाल के दस स्थानों पर चीन ने कब्ज़ा जमा लिया है.