जुबिली न्यूज डेस्क
जोशीमठ: भू-धंसाव का दंश झेल रहे जोशीमठ में राहत एवं बचाव कार्य जारी है. इस बीच मौसम ने करवट बदली है और आने वाले कुछ दिन खराब हो सकते हैं. सामने की ऊंची चोटियों पर हल्की बर्फ गिरने का सिलसिला शुरू हो चुका है, जिससे इलाके में सर्द हवाएं चल रही हैं और पिछले कुछ दिनों के मुकाबले अधिक ठंडक महसूस की जा रही है.
बता दे कि मौसम के इस बदलते मिजाज ने जोशीमठ के आपदा पीड़ितों की चिंता और बढ़ा दी है. यदि बारिश हुई तो हालात और बिगड़ सकते हैं. जोशीमठ में जिला प्रशासन द्वारा चिन्हित खतरे वाले इलाकों में घरों के आंगन और कमरों के अलावा आसपास की धरती भी फटी हुई दिख रही है और वहां गहरी दरारें हैं जो कई इंच चौड़ी हैं.
पानी के नए स्रोत भी फूट सकते हैं
भू-धंसाव के बाद बनी दरारें और गहरा सकती हैं और पानी के नए स्रोत भी फूट सकते हैं. शासन-प्रशासन भी इस स्थिति को लेकर चिंतित है. मौसम विज्ञान विभाग ने चमोली समेत प्रदेश के पर्वतीय इलाकों में 12 जनवरी को हल्की बारिश की संभावना जताई है. राहत और बचाव में लगे राज्य सरकार के अधिकारी खतरनाक घोषित किए गए 2 होटलों ‘मलारी इन’ और ‘होटल माउंट व्यू’ को पिछले 2 दिनों से ढहाने की योजना बना रहे हैं, लेकिन भवन स्वामियों को विश्वास में नहीं ले पाने के चलते अब तक यह कार्रवाई अटकी हुई है. दोनों होटलों मालिक और स्थानीय लोग धरना दे रहे हैं. उनकी मांग है कि बद्रीनाथ महायोजना की तर्ज पर उन्हें मुआवजा दिया जाए.
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निचले क्षेत्रों में बारिश का पूर्वानुमान
वहीं 13 जनवरी को भी देहरादून सहित कुछ पर्वतीय क्षेत्रों में बारिश हो सकती है. उत्तराखंड के ऊपरी इलाकों में भारी बर्फबारी का दौर शुरू हो गया है. उत्तरकाशी में जंहा निचले क्षेत्र में बादल छाए हैं, वहीं गंगोत्री और यमुनोत्री धाम में बर्फ की चादर बिछ गई है. मौसम विभाग ने अगले 24 घंटे के दौरान उत्तरकाशी के निचले क्षेत्रों में बारिश का पूर्वानुमान जताया है. औली में भी सीजन की पहली बर्फबारी हुई है.चारों तरफ बर्फ ही बर्फ दिखाई दे रही है. देर रात से अचानक मौसम ने करवट ली है. बद्रीनाथ धाम और हेमकुंड साहिब में भी जमकर बर्फ गिरी है. इसकी वजह से पूरे राज्य में ठंड काफी बढ़ गई है.
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