जुबिली पोस्ट ब्यूरो
देहरादून। उत्तराखंड के पौड़ी में सिलोगी में हुई कार दुर्घटना पोखड़ा ब्लाक के मेलगांव निवासी सरिता और एकेश्वर के कुरख्याल निवासी संपति देवी के परिवारों को जीवनभर का जख्म दे गई है। देहरादून में होने वाली शादी में शामिल होने के लिए कार में सवार हुए चारों लोगों के लिए यह अंतिम सफर साबित हुआ।
हादसा भी ऐसी जगह हुआ कि आसपास के लोगों को भी इसकी खबर अगले दिन लग सकी। बुधवार को कार हादसे में चार लोगों की मौत की खबर से उनके पैतृक गांवों में मातम पसर गया। गांव ही नहीं पोखड़ा और रीठाखाल बाजार में भी सन्नाटा पसर गया।
पोखड़ा ब्लाक मुख्यालय से सटे गांव मेलगांव के प्रधान विजय भारत बताते हैं कि सभी रिश्तेदार इस हादसे में मारे गए देशबंधु नेगी की बेटी के देवर की शादी में शामिल होने के लिए देहरादून जा रहे थे। उन्हें क्या पता था कि उनका सफर मुकाम पर पहुंचने से पहले ही खत्म हो जाएगा।
सिलोगी दुर्घटना में मारे गए सात वर्षीय अभिनव उर्फ सोनू के जन्म से पूर्व ही उसके पिता का साया सिर से उठ चुका था। मां सरिता पति की मौत के बाद किसी तरह संघर्ष कर अपने तीन बच्चों का भरण पोषण कर रही थी। लेकिन नियति की क्रूरता यही नहीं थमी, इस कार दुर्घटना में सरिता के दो बच्चे अभिनव और 11 वर्षीय बेटी कोमल भी काल के आगोश में समा गए।
सरिता पर एक बार फिर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। उधर, कुरख्याल निवासी संपति देवी को भी समझ नहीं आ रहा कि उसके भरे पूरे परिवार को किसकी नजर लग गई। कार हादसे ने संपति देवी ने अपने पति कुलदीप सिंह को खो दिया है। वह घर का इकलौता कमाऊ सदस्य था।
कुलदीप रीठाखाल कस्बे में हार्डवेयर की दुकान चलाता था। पति के निधन के बाद दोनों अबोध बच्चों की जिम्मेदारी संपति के कंधों पर आ गई है। कार हादसे में मारे गए पूर्व सैनिक देशबंधु नेगी की दुर्घटना में मृत्यु होने से देहरादून में रह रहा उनका परिवार भी गम में डूब गया है।
हादसे की सूचना मिलते ही बुधवार को मेलगांव और कुरख्याल में चूल्हे नहीं जले। गांव में शोक के साथ सन्नाटा पसरा हुआ है। मृतकों के घरों से आती चीखें इस सन्नाटे को तोड़ रही थी।
प्रधान विजय भारत बताते हैं कि मंगलवार देर शाम तक जब कार सवार लोग देहरादून नहीं पहुंचे और कई घंटों तक मृतकों की कोई खबर नहीं मिली तो किसी अनहोनी की आशंका तो थी, लेकिन वह आशंका इतनी भयावह रुप में सामने आएगी किसी ने नहीं सोचा था।