जुबिली न्यूज़ ब्यूरो
लखनऊ. साप्ताहिक बाज़ार व्यापारी कल्याण समिति के पदाधिकारियों ने आज लखनऊ के जिलाधिकारी से मुलाक़ात कर उनसे लॉकडाउन की ज़द में आकर लम्बे समय से बेरोजगारी का दंश झेल रहे साप्ताहिक बाज़ारों में दुकानें लगाने वाले दुकानदारों के लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था करने की अपील की.
साप्ताहिक बाज़ार व्यापारी कल्याण समिति के अध्यक्ष वसी उल्ला आज़ाद और महामंत्री अनिल सक्सेना ने जिलाधिकारी को बताया कि राजधानी लखनऊ में पांच साप्ताहिक बाजारें लगाईं जाती हैं. जिसमें रविवार को नक्खास, मंगलवार को आलमबाग, बुद्धवार को निशातगंज, बृहस्पतिवार को अमीनाबाद और शनिवार को सदर में बाज़ार लगती है.
लॉकडाउन के दौर में तीन महीने तक लगातार साप्ताहिक बाजारें नहीं लग पाईं, इससे करीब 1500 दुकानदारों के परिवारों के सामने भुखमरी की नौबत आ गई. लॉकडाउन खत्म हुआ तो व्यापारी सिर्फ दो दिन ही दुकानें लगा पा रहे हैं क्योंकि शनिवार और रविवार को साप्ताहिक लॉकडाउन घोषित किया गया है और बृहस्पतिवार को अमीनाबाद के दुकानदारों ने बाज़ार खोलना शुरू कर दिया है. ऐसे में साप्ताहिक बाज़ार नहीं लग सकता है.
दोनों नेताओं ने जिलाधिकारी को बताया कि जब कोरोना महामारी का दौर था तब साप्ताहिक बाज़ार के व्यापारियों ने खुद ही महामारी खत्म होने तक बाज़ार न लगाने का फैसला किया था.
व्यापारियों के प्रतिनिधिमंडल ने जिलाधिकारी से मांग की कि नक्खास में लगने वाली साप्ताहिक बाज़ार को सोमवार को कर दिया जाए और शनिवार को लगने वाली सदर की बाज़ार को शुक्रवार कर दिया जाए तो साप्ताहिक बाज़ार के व्यापारियों को सप्ताह में चार दिन दुकानें लगाने को मिल जाएगा. लॉकडाउन की व्यवस्था जब तक चल रही है तब तक के लिए यह व व्यवस्था कर दी जाए तो साप्ताहिक बाज़ारों के दुकानदारों के परिवारों का भी भरण पोषण होता रहेगा.
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दोनों नेताओं ने जिलाधिकारी से कहा कि हमारा ज़रिया सिर्फ साप्ताहिक बाज़ार ही हैं. दुकानें बंद होने से रोजी-रोटी का संकट बना हुआ है. जिलाधिकारी ने व्यापारी नेताओं को आश्वस्त किया है कि दुकानदारों की समस्याओं के मद्देनज़र उचित कार्रवाई की जायेगी.