खास बातें
- श्रीराम मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा पूर्ण होने के उपरांत सीएम ने प्रकट किए अपने मनोभाव
- बोले- जिस अयोध्या को “अवनि की अमरावती” और “धरती का वैकुंठ” कहा गया, वह सदियों तक अभिशप्त रही
- हर मन में राम नाम है, हर आंख हर्ष और संतोष के आंसू से भीगा है, रोम रोम में राम रमे हैं, पूरा राष्ट्र राममय हैः सीएम योगी
- बोले- भाग्यवान है हमारी पीढ़ी, जो इस राम-काज के साक्षी बन रहे हैं
- सांस्कृतिक अयोध्या, आयुष्मान अयोध्या, स्वच्छ अयोध्या, सक्षम अयोध्या, सुरम्य अयोध्या, सुगम्य अयोध्या, दिव्य अयोध्या और भव्य अयोध्या” के रूप में रामनगरी का हो रहा पुनरोद्धार
- सीएम योगी ने प्रधानमंत्री व सर संघचालक को भेंट किया राम मंदिर का रजत मॉडल
जुबिली स्पेशल डेस्क
अयोध्या। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने श्रीअयोध्याधाम में श्रीरामलला के बालरूप विग्रह की प्राण-प्रतिष्ठा समारोह पूर्ण होने के उपरांत अपने मनोभाव प्रकट किया। उन्होंने कहा कि मंदिर वहीं बना है, जहां बनाने का संकल्प लिया था।
सीएम योगी ने कहा कि मैं आपका सभी का स्वागत करता हूं।उन्होंने राम मंदिर को राष्ट्र मंदिर बताया और कहा, श्रीराम जन्मभूमि, विश्व में पहला ऐसा अनूठा प्रकरण रहा होगा, जिसमें किसी राष्ट्र के बहुसंख्यक समाज ने अपने ही देश में अपने आराध्य की जन्मस्थली पर मंदिर निर्माण के लिए इतने सालों तक लड़ाई लड़ी हो।
CM योगी ने कहा कि आज का दिन मेरे निजी जीवन के लिए सबसे बड़े आनंद का अवसर है। यह श्रीराम जन्मभूमि मुक्ति का संकल्प ही था, जिसने मुझे पूज्य गुरुदेव, राष्ट्रसंत ब्रह्मलीन महंत श्री अवेद्यनाथ जी महाराज का पुण्य सान्निध्य प्राप्त कराया।
श्रीराम जन्मभूमि मुक्ति महायज्ञ न केवल सनातन आस्था व विश्वास की परीक्षा का काल रहा, बल्कि संपूर्ण भारत को एकात्मकता के सूत्र में बांधने के लिए राष्ट्र की सामूहिक चेतना जागरण के ध्येय में भी सफल सिद्ध हुआ।
श्रीराम जन्मभूमि मंदिर की स्थापना भारत के सांस्कृतिक पुनर्जागरण का आध्यात्मिक अनुष्ठान है, यह ‘राष्ट्र मंदिर’ है. निःसंदेह! श्री रामलला विग्रह की प्राण-प्रतिष्ठा राष्ट्रीय गौरव का ऐतिहासिक अवसर है।
समारोह के पूर्व उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री व गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर संघचालक मोहन भागवत का स्वागत किया। सीएम ने दोनों अभ्यागतों को श्रीराम मंदिर का चांदी का मॉडल भेंट कर अयोध्या धाम की पावन धरा पर अभिनंदन किया।