सीजेआई ने कहा कि इस हैंडबुक को तैयार करने का मकसद किसी फैसले की आलोचना करना या संदेह करना नहीं है, बल्कि ये बताना है कि जाने-अनजाने रूढ़िवादिता की परंपरा चली आ रही है. कोर्ट का उद्देश्य यह बताना है कि रूढ़िवादिता क्या है और इससे क्या नुकसान है ताकि महिलाओं के खिलाफ आपत्तिजनक शब्दों के इस्तेमाल से बचा जा सके.
आगे पढ़िए कुछ शब्द जिनको बदल दिया गया
अफेयर- शादी के इतर रिश्ता
प्रोस्टिट्यूट- सेक्स वर्कर
अनवेड मदर या बिन ब्याही मां- मां
चाइल्ड प्रॉस्टिट्यूट- तस्करी करके लाया गया बच्चा
बास्टर्ड- ऐसा बच्चा जिसके माता-पिता ने शादी ना की हो
ईव टीज़िंग- स्ट्रीट सेक्सुअल हैरेसमेंट
प्रोवोकेटिव क्लोदिंग या भड़काऊ कपड़े- क्लोदिंग, ड्रेस
गुड वाइफ- वाइफ
कीप या रखैल- ऐसी महिला जिसका शादी के इतर किसी पुरुष के साथ रहती हो
हाउसवाइफ- होममेकर
इंडियन वीमन, वेस्टर्न वीमन- वीमन
ट्रांससेक्सुअल- ट्रांसजेंडर
स्लट- महिला
सेक्स चेंज- सेक्स रिअसाइनमेंट या जेंडर ट्रांजिशन
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प्रॉस्टिट्यूट की जगह सेक्स वर्कर शब्द का यूज
इसी तरह जबरन बलात्कार की वजह केवल बलात्कार का इस्तेमाल किया जाना चाहिए और हाउस वाइफ की जगह होम मेकर शब्द यूज होना चाहिए. हैंडबुक के मुताबिक, प्रॉस्टिट्यूट की जगह सेक्स वर्कर शब्द का यूज होगा. स्लट शब्द अब गलत है, इसे बदलकर महिला कर देना चाहिए. इसी तरह बिन ब्याही मां की जगह केवल मां यूज होगा और वेश्या शब्द से भी बचना चाहिए और उसकी जगह सिर्फ औरत शब्द ही यूज करना चाहिए.