जुबिली स्पेशल डेस्क
लखनऊ । लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सेना की नापाक हरकत के बाद देश में उपजी आक्रोश की लहर पूरे भारत में देखी जा सकती है। उधर चीन के खिलाफ भारतीय खेल जगत ने भी मोर्चा खोल दिया है। दरअसल भारतीय ओलम्पिक संघ बहुत जल्द निकट भविष्य में चीन की प्रायोजक कंपनी ली निंग से किनारा कर सकती है जबकि क्रिकेट फैन्स ने बीसीसीआई पर चीनी कंपनी वीवो से आईपीएल डील रद्द करने का दबाव बनाना शुरू कर दिया है।
करार तोडऩे के लिए ट्विटर पर #BCCI को ट्रेंड करवाकर इस डील को तोड़ने का दबाव बनाया है। जानकारी के मुताबिक भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) ने संकेत दिया है कि निकट भविष्य में चीन की प्रायोजक कंपनी ली निंग के साथ करार तोड़ा जा सकता है। आईओए के कोषाध्यक्ष डॉ आनंदेश्वर पांडेय ने बताया कि हम देश से अलग नहीं है। हमारे लिये देश सर्वोपरि है। हम केन्द्र के हर फैसले के साथ खड़े हैं। चीन की कंपनी ली निंग के साथ हमारा करार 2016 में रियो ओलंपिक से पहले हुआ था जो टोक्यो ओलंपिक तक के लिये है। करार के तहत ली निंग भारतीय खिलाडयि़ों को पांच से छह करोड़ रूपये की किट मुहैया कराती है।
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उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के कारण टोक्यो ओलंपिक तो फिलहाल 2021 तक के लिए टल गया है और हाल-फिलहाल कोई बड़ा खेल आयोजन भी नहीं है। इसलिये हमारे पास करार पर विचार करने के लिये पर्याप्त समय है। हम जल्द ही कार्यकारिणी की बैठक बुलायेंगे जिसमें चीन के साथ सैन्य तनाव बरकरार रहने की दशा में करार को तोडऩे का फैसला लिया जा सकता है, हालांकि इस संबंध में केन्द्र सरकार के दिशा निर्देशों का अक्षरश पालन किया जायेगा। गौरतलब है कि गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ झड़प में 20 भारतीय जवान शहीद हो गये थे जिसके बाद देश भर में चीनी कंपनियों और उसके उत्पादों के बहिष्कार का सिलसिला जोर पकड़ चुका है।
उधर बीसीसीआई पर आईपीएल-वीवो से करार तोडऩे का अच्छा-खासा दबाव बनता दिख रहा है। लोग बीसीसीआई से इसको लेकर सवाल पूछ रहे हैं। हालांकि बीसीसीआई इसको लेकर अभी कोई फै सला नहीं किया है। इतना ही नहीं करार तोडऩे के पक्ष में नजर नहीं आ रहा है,क्योंकि बीसीसीआई के कोषाध्यक्ष अरुण धूमल ने कहा था कि इस डील से भारतीय इकॉनमी को ही फायदा है और वह नहीं तोड़ा जाएगा।