जुबिली पोस्ट ब्यूरो
लखनऊ। ऑरेंज नाम की एंड्रायड एप, आईपीएल मैचों में खेल रही टीमों व खिलाड़ियों के मिनट- मिनट पर बदलते रेट, उस पर बेटिंग कन्वर्सेशन बॉक्स के जरिए लगता सट्टा, करोड़ों के लेनदेन के लिये हवाला का सहारा… सट्टेबाजी का ऐसा फुलप्रूफ और स्मार्ट तरीका कि सुरक्षा एजेंसियां भी सटोरियों तक पहुंचने में चकरा जाएं।
STF ने कानपुर व वाराणसी में छापेमारी कर IPL बेटिंग गैंग का किया पर्दाफाश, आठ गिरफ्तार
लेकिन इनके मसूबो को यूपी एसटीएफ की टीमों ने इस स्मार्ट तरीके को भी आखिर भेद ही डाला। वाराणसी और कानपुर में की गई छापेमारी में टीमों ने ऑनलाइन एप के जरिए करोड़ों का वारा- न्यारा कर रहे आठ बुकी व पंटरों को दबोच लिया। टीमों ने मौके से 30 लाख रुपये से ज्यादा की नकदी, 275 दिरहम, दो बेटिंग कन्वर्सेशन एक्सचेंज बॉक्स, 36 मोबाइल फोन, पांच लैपटॉप व अन्य सामान बरामद किया है।
एसएसपी एसटीएफ ने बताया कि जीतू और उसके साथियों के खिलाफ गैंगस्टर के तहत कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही उसके द्वारा खरीदी गई संपत्तियों, उसके बैंक खातों में जमा रकम का ब्यौरा व उनका स्रोत जुटाया जा रहा है। जो भी संपत्तियां व रकम सट्टे की कमाई से जुड़ी होगी उसे जब्त कराया जाएगा।
इस तरह लगते थे भाव
एसएसपी के अनुसार अगर कन्वर्सेशन बॉक्स में 42/44 भाव अनाउंस किया गया तो इसका मतलब है कि कि फेवरिट यानी जिताऊ टीम को 42 व उसकी अपोजिट टीम 44 का रेट दिया गया है। अगर किसी ने फेवरिट टीम पर एक लाख रुपया लगाया तो बेट जीतने पर उसे 42 हजार रुपये मिलेंगे और हारने पर उसे एक लाख रुपये अदा करने होंगे।
वहीं, अगर अपोजिट टीम पर एक लाख रुपये की बेट लगाए जाने पर अगर कोई हारता है तो उसे 44 हजार रुपये देने पड़ेंगे और अगर वह जीतता है तो उसे एक लाख रुपये मिलेंगे। बताया कि छोटे बुकी द्वारा 42/44 के रेट पर लगाई गई बेट के पैसे से ही उसके ऊपर वाला बुकी अगर 43/45 के रेट से बेट लगाता है तो जीतने की दशा में उसे अपने नीचे वाले शख्स को 42 हजार रुपये देने पड़ेंगे और उसे 43 हजार रुपये हासिल होंगे। इस तरह अपने छोटे बुकी के पैसे से ही उसके ऊपर वाले बुकी द्वारा एक हजार रुपये का फायदा कटिंग कहलाता है।
ऐसे होते थे बुकी- पंटरों के मोबाइल कनेक्ट
आरोपियों ने बताया कि मुंबई में अमन नाम के बड़े बुकी के जरिये उन्होंने लैपटॉप पर ऑरेंज नाम का लाइव एप डाउनलोड कर रखा है। लंदन की कंपनी के इस एप पर बेट प्राइज दिखाई देता है। इसमें जो बेटिंग रेट दिखता है, उसे बुकी कन्वर्सेशन बेटिंग बॉक्स में लगे माइक से अनाउंस करता है।
स्मार्टफोन के जरिये बुकी- पंटर कर रहे थे करोड़ों का वारा- न्यारा
इस बॉक्स से कई बुकीज व पंटरों के मोबाइल फोन ऑनलाइन कनेक्ट होते हैं, जो इस भाव को सुनकर अपनी बेट लगाते हैं। बॉक्स में लगे स्पीकर के जरिए मुख्य बुकी व अन्य बुकी की आवाज को सुनता है और कन्वर्सेशन ऑटोमैटिकली रिकॉर्ड होता है। बेट में लगी रकम को लेकर विवाद की स्थिति में कन्वर्सेशन बॉक्स की रिकॉर्डिग को सुनकर निपटारा किया जाता है।
ये हुआ बरामद
- 8 बुकी और पंटर को किया गया अरेस्ट
- 30 लाख रुपए मौके से बरामद
- 36 मोबाइल फोन भी बरामद
- 5 लैपटॉप का किया जा रहा था यूज
- 2 बेटिंग एक्सचेंज बॉक्स मिले
दुबई में हासिल की थी महारथ
एसएसपी अभिषेक सिंह ने बताया कि जांच में पता चला है कि गैंग का सरगना जितेंद्र उर्फ जीतू 1997 से 2006 तक दुबई में रहकर ट्रेडिंग कंपनी चलाता था। वहीं पर उसने बेटिंग कारोबार में महारथ हासिल की। इस गोरखधंधे से हासिल रकम से उसने मुंबई, लखनऊ, फतेहपुर और कानपुर में महंगे मकान और फ्लैट खरीदे।
महंगे होटलों में ठहरने व देश- विदेश घूमने का शौकीन जीतू फिलवक्त वाराणसी निवासी अजय सिंह व अपने साले आशीष शिवहरे के साथ पार्टनरशिप में यह धंधा संचालित कर रहा था। जीतू से दिल्ली, मुंबई, अजमेर, आगरा, रायपुर, लखनऊ, फतेहपुर, वाराणसी व कानपुर के बुकी जुड़े हुए थे।