जुबिली न्यूज डेस्क
विवादित बयानों का सिलसिला लगातार जारी है. इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले के सेवराई तहसील में तैनात नायब तहसीलदार हिम्मत बहादुर के द्वारा राम मंदिर को लेकर दिए गए विवादित बयान ने हड़कंप मचा दिया है.इस विवादित बयान पर अयोध्या के संतों ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. संत समाज ने नाराजगी व्यक्त करते हुए तहसीलदार को आड़े हाथों लिया.
संत ने जेल भेजने की मांग की
बता दे कि रामलीला के प्रधान पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने गाजीपुर के नायब तहसीलदार को महमूद करार देते हुए नास्तिक बताया. इतना ही नहीं रामलला के प्रधान पुजारी ने यह मांग की है कि उन्हें तत्काल प्रभाव से उनके पद से हटाते हुए मुकदमा पंजीकृत किया जाए और और जेल भेजा जाए.
संत समाज ने कहा कि सवा सौ करोड़ हिंदुओं की आत्मा को ठेस पहुंचाने वाले व्यक्ति को उसके पद से हटाते हुए उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करनी चाहिए. साथ ही उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित किया जाए और सनातन धर्म पर उंगली उठाने वाले का सिर कलम कर दिया जाए.
नायब तहसीलदार को बताया महामूर्ख
दरअसल, उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले के सेवराई तहसील में तैनात नायब तहसीलदार हिम्मत बहादुर ने अयोध्या में बन रहे राम मंदिर को दुकानदारी बताते हुए कहा कि जो लोग मंदिर जाते हैं वह बेवकूफ है. रामलला के प्रधान पुजारी ने कहा कि गाजीपुर के नायब तहसीलदार का बयान निंदनीय है. जिन रामलला की लोग उपासना करते हैं और अपने आपको धन्य मानते हैं.
उन रामलला का भव्य मंदिर बन रहा है. भगवान में आस्था रखने वाले को तहसीलदार बेवकूफ कह रहे हैं. गाजीपुर के तहसीलदार वर्णशंकर है. आचार्य सत्येंद्र दास ने हिम्मत बहादुर को महामूर्ख करार देते हुए कहा कि न तो इनको मंदिर का ज्ञान है न ही पूजा-अर्चना का. रामलला के प्रधान पुजारी ने मांग करते हुए कहा कि ऐसे व्यक्ति को उनके पद से हटा दिया जाना चाहिए. इस तरह के बयान से हमारा सनातन धर्म, पुजारी और पूजा अर्चना करने वाले आहत होते हैं.
ये भी पढ़ें-इस बीजेपी नेता के बेटे ने कॉलेज में छात्र के साथ किया ये काम, वीडियो वायरल
भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित करें
राष्ट्रवादी बाल संत दिवाकराचार्य ने कहा कि अब भारत धर्मनिरपेक्ष नहीं रह गया. जिस प्रकार से भारतीय संस्कृत और मूलभूत हिंदुओं की आस्था पर ठेस पहुंचाया जा रहा है, अब भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित करने का समय आ गया है. नाराजगी व्यक्त करते हुए राष्ट्रवादी बाल संत दिवाकराचार्य ने कहा कि अभी बिहार के शिक्षा मंत्री ने रामचरितमानस और मनुस्मृति पर सवाल उठाए और एक पद पर प्रतिष्ठित व्यक्ति के द्वारा अब भगवान राम के मंदिर पर किए गए अपमानजनक बयान को लेकर नाराजगी व्यक्त की.
ये भी पढ़ें-जब अखिलेश यादव ने की थी वरुण गांधी की मदद…