महायुति गठबंधन में बीजेपी 149 सीटों पर, शिवसेना 81 सीटों पर और अजित पवार की एनसीपी 59 सीटों पर चुनाव लड़ रही है जबकि एमवीए में कांग्रेस ने 101, शिवसेना (यूबीटी) ने 95 और शरद पवार की अगुवाई वाली एनसीपी ने 86 सीटों पर उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं। महाराष्ट्र के रण में 4,136 उम्मीदवार मैदान में थे।
जुबिली स्पेशल डेस्क
महाराष्ट्र में 288 विधानसभा सीटों पर बुधवार को मतदान संपन्न हो गया। अब सबको नतीजों का इंतेजार है। बीजेपी और कांग्रेस अपनी-अपनी जीत का दावा कर रहे हैं लेकिन अब शनिवार को पता चलेगा किसकी सरकार बन रही है।
हालांकि एक्जिट पोल में बीजेपी के नेतृत्व में सरकार बनने का दावा किया जा रहा है जबकि कांग्रेस का गठबंधन भी कड़ी टक्कर दे रहा है।
इस बीच नतीजे आने से पहले सीएम पद को लेकर घमासान देखने को मिल रहा है। महाविकास अघाड़ी के नेताओं में मुख्यमंत्री पद को लेकर जुबानी जंग तेज हो गई है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने दावा किया है कि इस बार महाराष्ट्र में नई सरकार महाविकास अघाड़ी की बन रही है और सीएम कांग्रेस का होगा लेकिन शिवसेना यूबीटी सांसद संजय राउत ने पलटवार करते हुए पटोले के बयान पर कहा कि हम नहीं मानेंगे।
नाना पटोले ने कहा, ‘महाराष्ट्र में कांग्रेस के नेतृत्व में ही अघाडी की सरकार बनेगी.राज्य में कांग्रेस के सबसे ज्यादा विधायक चुने जाएंगे. अघाडी की सरकार बनेगी।
उनके इस बयान को संजय राउत ने खारिज करते हुए कहा, ‘हम नहीं मानेंगे .. कोई नहीं मानेगा .. हम लोग बैठकर तय करेंगे .. अघाडी सरकार बाद में बैठकर तय करेगी.. अगर नाना पटोले को राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, खरगे ने कहा हो कि आप सीएम बनेंगे तो उनको ऐलान करना चाहिए।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की सभी 288 सीटों पर मतदान कल संपन्न हो गया है। बीजेपी से लेकर कांग्रेस अपनी जीत का दावा कर रहे है लेकिन अब देखना होगा कि जनता किसको चुनती है। 4136 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला कल जनता कर चुकी है और इवीएम में कैद हो चुकी है।
एग्जिट पोल के नतीजे तो पता चल रहा है कि वहां पर एक बार फिर महायुति की सरकर बनने की संभावना। दूसरी तरफ महाविकास अघाड़ी कड़ी टक्कर दी है लेकिन एक्जिट पोल में बहुमत के करीब पहुंचने में नाकाम नजर आ रही है। शनिवार को फाइनल नतीजा आ जायेगा और तब पता चल जायेगा किसकी सरकार बन रही है।
वहीं अगर वोटिंग ट्रेंड की बात करें तो इस बार सीटों पर मतदान 65.11 फीसदी रहा जबकि 2019 विधानसभा चुनाव में 61.4 फीसदी वोटिंग हुई थी।
इससे पता चल रहा है कि इस बार करीब चार फिसदी मतदान बढ़ा है। इस वजह से नतीजों पर इसका असर देखने को मिल सकता है।