जुबिली स्पेशल डेस्क
लखनऊ। नलकूपों से सिंचाई के लिए मुफ्त बिजली का संकल्प पूरा करना रहा हो या फिर गन्ना मूल्य के भुगतान से लेकर नई चीनी मिलों की स्थापना, डबल इंजन सरकार ने प्रदेश के किसानों के हितों को सर्वोपरि रखते हुए जो कार्य किया है, उसका परिणाम 2024 के आम चुनावों में देखने को मिलने जा रहा है।
पीएम मोदी के मार्गदर्शन और सीएम योगी के नेतृत्व में डबल इंजन सरकार के द्वारा चलाई गई योजनाओं का भरपूर लाभ उठाने वाले प्रदेश के अन्नदाता किसान अपने मताधिकार का उपयोग करते समय सरकार की किसानों को समर्पित नीतियों को अवश्य ध्यान में रखेंगे।
ये वही नीतियां हैं, जिन्होंने प्रदेश के किसानों की आय में वृद्धि कर उन्हें आत्मनिर्भर और संपन्न बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन किया है। कुल मिलाकर प्रदेश के करोड़ों किसान पीएम मोदी और सीएम योगी के 80 में 80 सीटों के लक्ष्य को पूरा करने में ट्रंप कार्ड साबित होंगे।
प्रदेश की योगी सरकार ने अन्नदाता किसानों के लिए सिर्फ योजनाएं और नीतियां बनाईं ही नहीं, बल्कि उन्हें अंजाम तक भी पहुंचाया। इसका सबसे ताजा उदाहरण किसानों को निजी नलकूपों से सिचाई के लिए मुफ्त बिजली उपलब्ध कराना है।
योगी सरकार ने हाल ही में इसका ऐलान करके अपने संकल्प को पूरा किया है। सरकार के इस निर्णय से प्रदेश के 1.5 करोड़ किसानों और उनके परिजनों (6-7 करोड़ के करीब) को सीधा लाभ मिलने जा रहा है। इसके तहत किसानों को एक अप्रैल 2023 से निजी नलकूप पर कोई भी बिल देने की आवश्यकता नहीं होगी।
यही नहीं, यदि इसके पहले का भी यदि कोई बिल बकाया है तो सरकार उसके लिए ब्याज रहित और आसान किस्तों में बिल चुकाने के लिए योजना लाएगी।
गन्ना किसानों को मिली मजबूती
गन्ना किसानों के लिए भी सरकार ने बड़े कदम उठाए हैं, जिससे उनकी आय में गुणात्मक वृद्धि हुई है। इसके तहत वर्तमान योगी सरकार द्वारा 2017 से अब तक लगभग 2.50 लाख करोड़ का गन्ना मूल्य भुगतान कराया गया है। यही नहीं, विगत 07 वर्षों में प्रदेश सरकार ने गन्ना समर्थन मूल्य में 55 रुपए प्रति क्विटल की वृद्धि की है। इससे प्रदेश का गन्ना किसान आत्मनिर्भर और संपन्न हुआ है। इसके अतिरिक्त सरकार ने मार्च 2017 से अब तक 03 नई चीनी मिलों की स्थापना की है, जबकि 05 चीनी मिलों के पुर्नसंचालन एवं 38 चीनी मिलों में क्षमता विस्तार से कुल 1,07,100 टीसीडी की अतिरिक्त पेराई क्षमता का सृजन हुआ जिससे लगभग 1,17,810 लोगों को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार प्राप्त हुआ है। यही नहीं, चीनी मिलों की दैनिक पेराई क्षमता जो वर्ष 2017 से पूर्व, 7.50 लाख टीसीडी थी, वह बढ़कर अब 8.36 लाख टीसीडी हो गई है। इसके अलावा प्रदेश में बड़े पैमाने पर किसानों को फसली ऋण उपलब्ध कराया गया है। वहीं किसान क्रेडिट कार्ड के तहत 2023-24 में दिसंबर 2023 तक 46.41 लाख किसानों को लाभान्वित किया गया है।
अन्नदाता किसानों को राहत देने के लिए केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई योजनाओं को भी प्रदेश में कुशलता के साथ लागू किया गया है।
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के अंतर्गत केंद्र सरकार ने किसानों को न्यूनतम आय सहायता के रूप में 6 हजार रुपए प्रति वर्ष प्रदान करने की पहल की, जिसके तहत देश में कुल 12 करोड़ और प्रदेश के 2.68 करोड़ अन्नदाता किसान लाभान्वित हो रहे हैं। फरवरी 2024 तक प्रदेश भर में पात्र किसानों को 68,139 करोड़ रुपए डीबीटी के माध्यम से उनके खातों में भेजे जा चुके हैं। इसके अतिरिक्त किसानों को कृषि यंत्र खरीदने के लिए और सोलर पंप्स की स्थापना के लिए भी आर्थिक मदद उपलब्ध कराई गई है।