जुबिली स्पेशल डेस्क
लखनऊ। वाराणसी में ज्ञानवापी केस को लेकर बड़ी खबर आ रह है। दरअसल हिंदू पक्ष को तहखाने में पूजा का अधिकार मिल गया है। ये अधिकार जिला न्यायालय ने आदेश दिया है।
अदालत के फैसले के बाद ज्ञानवापी के उस व्यास तहखाने में आधी रात को 2 बजे पूजा हुई। इस तरह से 30 साल तक पूजा करने पर रोक हटने के बाद विश्वनाथ मंदिर के मुख्य पुजारी ओम प्रकाश मिश्रा और अयोध्या में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा का शुभ मुहूर्त निकालने वाले गणेश्वर द्रविड़ ने व्यास जी के तहखाने में पूजा कराई है। बुधवार रात यानी कि 31 जनवरी को ही वहां श्रद्धालु पहुंच गए और रात में ही पूजा की गई।
देश के जाने माने न्यूज चैनल ने तहखाने की तस्वीर जारी की है और बताया है कि पूजा से पहले वहां लगे बैरिकेडिंग हटा दी गई और पूजा के लिए लोग जुटने लगे। सामने आई तस्वीर में श्रद्धालुओं की भीड़ तहखाने में पूजा -अर्चना करती दिखाई दे रही है। हालांकि इस दौरान वहां पर सुरक्षा के कड़े इंतेजाम थे।
इस तरह से हिंदू पक्ष की बड़ी जीत हुई और अब उनको पूजा का अधिकार मिला। बता दे कल हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया था कि व्यास जी के तहखाने में इजाजत की इजाजत मिली है। व्यास परिवार अब तहखाने में पूजा पाठ करेगा।
हिंदू पक्ष ने व्यास जी के तहखाने में पूजा पाठ की इजाजत मांगी थी। सोमनाथ व्यास का परिवार 1993 तक तहखाने में पूजा पाठ करता था लेकिन 1993 के बाद तत्कालीन राज्य सरकार इस पर रोक लगा दी थी लेकिन अब इस रोक को हटाने का आदेश दे दिया गया है।
17 जनवरी को व्यास जी के तहखाने को जिला प्रशासन ने कब्जे में लिया था. एएसआई सर्वे कार्रवाई के दौरान तहखाने की साफ-सफाई हुई थी। काशी विश्वनाथ ट्रस्ट के अधीन तहखाने में पूजा की जाएगी।
इससे पहले ज्ञानवापी मामले में एएसआई की रिपोर्ट को लेकर बड़ी खबर आ रही थी । दरअसल इस रिपोर्ट को लेकर दावा किया जा रहा था कि ज्ञानवाप जिस जगह है उस जगह पर मंदिर होने के सबूत सामने आए थे।
इसको लेकर वकील विष्णु शंकर जैन इस तरह का दावा किया हैथा और उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा था कि पश्चिमी दीवार से साबित होता है कि मस्जिद हिन्दू मन्दिर का हिस्सा है। उनके दावे के अनुसार मस्दि से पहले उस जगह पर एक हिन्दू मंदिर मौजूद था। हालांकि एएसआई की तरफ से अभी इस पर कोई ठोस जानकारी नहीं दी गई है।