जुबिली न्यूज़ डेस्क
नई दिल्ली. किसान आन्दोलन की वजह से दिल्ली की सीमाएं सील होती जा रही है. इसका नतीजा आवाजाही बंद होने की नौबत है. फिलहाल पैदल आमद-रफ्त चल रही है लेकिन गाड़ियाँ आनी बंद हो चुकी हैं. ऐसे में न दूध के टैंकर आ पा रहे हैं न सब्जियां पहुँच पा रही हैं. यही हालात एक-दो दिन और रहे तो रोजमर्रा की चीज़ों के दाम आसमान छूने लगेंगे.
पंजाब सिर्फ अनाज उगाने का काम नहीं करता है. वहां से सब्जियां भी कई राज्यों को जाती हैं. पंजाब से सिर्फ आलू के ही ढाई सौ ट्रक रोज़ आते थे जो अब घटका 50 रह गए हैं. ज़ाहिर है कि जब बीस फीसदी आलू ही पहुंचेगा तो दाम आसमान चढ़ेंगे ही. बाज़ार में आलू के दाम पर असर दिखने भी लगा है.
दिल्ली को हरियाणा, उत्तर प्रदेश और पंजाब से दूध मिलता है. हरियाणा और पंजाब से दूध न के बराबर पहुँच रहा है. उत्तर प्रदेश से दूध पहुंचाने में भी परेशानी हो रही है क्योंकि पश्चिमी उत्तर प्रदेश से लगने वाले दिल्ली बार्डर पर भी किसानों ने कब्ज़ा जमा लिया है.
यूपी बार्डर पर बैठे किसान हालांकि दूध और सब्जी ले जा रहे वाहनों को रोक नहीं रहे हैं लेकिन दूध और सब्जी की आपूर्ति करने वाले खुद ही कोई जोखिम लेने को तैयार नहीं हैं. इस वजह से यूपी से भी सप्लाई कम हो गई है.
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सब्जियों को पेड़ से तोड़कर रोजाना बाज़ार में सप्लाई किया जाता है. किसान आन्दोलन की वजह से ट्रांसपोर्टर अब अपनी गाड़ियों से सब्जियां ले जाने को तैयार नहीं हैं. किसान आन्दोलन फिलहाल तो शान्ति से हो रहा है लेकिन ट्रांसपोर्टर यह रिस्क नहीं लेना चाहते कि उनकी गाड़ियाँ आन्दोलन का शिकार हो जाएँ. इस वजह से आगरा, शिकोहाबाद, मथुरा और नोएडा की तरफ जाने वाली गाड़ियाँ रोक दी गई हैं. बाज़ार में सब्जियों के दामों में किसान आन्दोलन का असर भी दिखने लगा है.