जुबिली न्यूज़ ब्यूरो
लखनऊ. महंत नरेन्द्र गिरी का पोस्टमार्टम होने के बाद उनकी मृत देह को मठ के सिपुर्द कर दिया गया. जिस बाघम्बरी मठ के साथ महंत नरेन्द्र गिरी की तमाम यादें जुड़ी हैं उसी मठ में उनकी समाधि बना दी गई. उनकी संदिग्ध मौत के मामले में पुलिस ने उनके शिष्य आनंद गिरी, बड़े हनुमान मन्दिर के पुजारी आद्या प्रसाद तिवारी और उनके पुत्र संदीप तिवारी को गिरफ्तार किया गया है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट और तीनों संदिग्धों से घंटों की पूछताछ के बाद महंत नरेन्द्र गिरी की मौत का रहस्य अभी सुलझा नहीं है.
पांच डॉक्टरों की टीम ने उनका पोस्टमार्टम किया और वह इस नतीजे पर पहुंचे कि मौत दम घुटने से हुई. महंत नरेन्द्र गिरी की लाश पंखे से लटकी पाई गई थी. मामला हत्या और आत्महत्या में उलझा हुआ था. प्रयागराज के एसआरएन अस्पताल में पोस्टमार्टम के बाद उनका विसरा सुरक्षित रख लिया गया है. विसरा की रिपोर्ट आयेगी तब शायद कोई नया खुलासा हो सके.
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महंत नरेन्द्र गिरी के कमरे से मिले सुसाइड नोट को आधार मानते हुए आईजी के.पी.सिंह ने आत्महत्या की पुष्टि कर दी थी. सुसाइड नोट में शिष्य आनंद गिरी को ज़िम्मेदार होने की बात कही गई तो उत्तराखंड पुलिस ने आनंद गिरी को सोमवार की शाम को ही हरिद्वार में गिरफ्तार कर लिया था. आनंद गिरी के अलावा बड़े हनुमान मन्दिर के मुख्य पुजारी आद्या प्रसाद तिवारी और उनके पुत्र संदीप को भी महंत नरेन्द्र गिरी ने अपनी मौत के लिए ज़िम्मेदार ठहराया था, इसलिए उन दोनों को भी गिरफ्तार किया गया. एसआईटी ने तीनों से पूछताछ की लेकिन पुलिस उनसे कुछ भी ऐसा नहीं उगलवा पाई जिसे उल्लेखनीय कहा जा सके.