जुबिली न्यूज़ ब्यूरो
लखनऊ. बढ़ती गर्मी से इंसान यूं भी हैरान-परेशान है, इधर झांसी में वन विभाग ने जंगली जानवरों को लेकर जो एलर्ट जारी किया है उसने तो लोगों की रातों की नींद उड़ा दी है. दरअसल झांसी में साढ़े 33 हज़ार हेक्टेयर क्षेत्रफल में घना जंगल है. इस जंगल में नीलगाय और लकडबग्घा से लेकर तेंदुए तक हैं. इस जंगल में जंगली जानवरों को अपना पेट भरने के लिए कभी किसी दुश्वारी अक सामना नहीं करना पड़ता है लेकिन इस बार जब गर्मी अपने सारे रिकार्ड तोड़ डालने को आमादा हो गई है और मई के महीने में पारा 46 डिग्री के पार जा रहा है तब इसका असर जंगल तक पहुँच गया है. नदियों में पानी कम हो गया है और तालाब करीब-करीब सूख गए हैं. ऐसे में जंगली जानवरों ने अपना रुख इंसानी आबादी की तरफ मोड़ दिया है. यह जानवर ग्रामीणों पर हमला करने लगे हैं.
वन विभाग ने ग्रामीणों को सावधान किया है कि जंगली जानवर पानी की तलाश में इंसानी आबादी के क्षेत्र के आसपास हैं. वह होशियार रहें क्योंकि जंगली जानवर किसी भी वक्त उनके लिए मुसीबत बन सकते हैं. वन विभाग ने ग्रामीणों को सतर्क करते हुए कहा है कि जंगल में पानी खत्म हो गया है. पानी की तलाश में जानवर आबादी की तरफ बढ़ गए हैं. वन विभाग ने कहा है कि डैम के आसपास के लोग खासतौर पर सतर्क रहें. बरसात होने तक यही हालात रहेंगे. वन विभाग ने कहा है कि उसने जंगल के बॉर्डर पर अपनी गश्त बढ़ाई है. वह पूरी नज़र रखे हैं मगर वह किसी भी समय असावधान न रहें.
ग्रामीणों का इस सम्बन्ध में कहना है कि पिछले डेढ़ महीने में जंगली जानवरों से ग्रामीणों की भिडंत की कई घटनाएँ हुईं. गाँव में घुसते जानवरों को रोकने की कोशिश से जानवर नाराज़ होकर हमलावर हो जाते हैं. अब तक ढाई दर्जन से ज्यादा ग्रामीण जानवरों के हमले से घायल हो चुके हैं.
ठीक यही हाल ललितपुर का भी है. ललितपुर का जंगल तो झांसी से काफी बड़ा है. यहाँ 74 हज़ार हेक्टेयर में जंगल है. इस जंगल में रीछना पाहाड़ी पर करीब सवा दो सौ भालू रहते हैं. इसी तीन अप्रैल को पानी की तलाश में पहाड़ी से उतरा भालू ट्रेन से टकरा गया. उसकी मौत हो गई. यह भालू इंसानी आबादी में भी घुस सकते हैं और उन्हें भी नुक्सान पहुंचा सकते हैं. वन विभाग ने अपने एलर्ट में कहा है कि बरसात शुरू होने तक ग्रामीण हर वक्त सतर्क रहें. जंगली जानवर पानी की तलाश में गाँव में घुसेंगे और लोगों पर हमला करेंगे. जंगलों में रहने वाली नीलगाय भी आबादी की तरफ बढ़ रही हैं. वह आये दिन सड़कों पर नज़र आती हैं. वह वाहनों से भी टकरा जाती हैं और दुर्घटनाओं का कारण बनती हैं.
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