न्यूज डेस्क
महाराष्ट्र में विधानसभा के लिए चुनावी बिसात बिछ चुकी है। अक्टूबर में होने वाले चुनाव की तैयारी में सभी पार्टियां लगी हुई हैं। बीजेपी एक बार फिर शिवसेना के साथ चुनाव लड़ेगी। हालांकि सीएम देवेन्द्र फडणवीस दोबारा मुख्यमंत्री बनने को लेकर निश्चिंत है, लेकिन शिवसेना की ओर से इस बार मुख्यमंत्री पद की दावेदारी को लेकर सुगबुगाहट है।
मुख्यमंत्री की दावेदारी पर मुख्यमंत्री फडणवीस का कहना है कि लोकतंत्र में यह जनता पर छोड़ देना चाहिए। अगर हमने अच्छा काम किया है, जैसा की मुझे लगता है कि हमने किया है, तो लोग हमें फिर चुनेंगे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा के संसदीय बोर्ड को मुख्यमंत्री चुने का अधिकार है। हालांकि राजनीतिक स्थिति ऐसी है कि वे मुझे ही चुनेंगे।
इंडियन एक्सप्रेस को दिए इंटरव्यू में शिवसेना से गठबंधन को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि हम गठबंधन में रह कर चुनाव लड़ेंगे, इसी के तहत जनादेश आएगा। जहां तक मैं जानता हूं महाराष्ट्र और दिल्ली आलाकमान में इसे लेकर कोई उलझन नहीं है। जल्दी ही इस बारे में जानकारी सार्वजनिक की जाएगी। फडणवीस ने कहा कि शिवसेना और भाजपा का गठबंधन जरूरत के आधार पर नहीं, बल्कि विचारधारा के आधार पर है।
उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव हम एक साथ लड़े। विधानसभा चुनाव के लिए भी गठबंधन जारी रखने का हमने फैसला किया है। हालांकि 2014 में बहुत कम सीटों के लिए हमने गठबंधन तोड़ दिया था, लेकिन इससे कोई भी खुश नहीं था। हम समझ गए हैं कि हमें एक साथ रहना चाहिए। गठबंधन में रहते हुए आपको कभी कुछ मिलता है और कभी कुछ चीजें छोडऩी पड़ती हैं।
इंडियन एक्सप्रेस अखबार के मुताबिक जब फडणवीस से पूछा गया कि क्या इस बार भाजपा मुख्यमंत्री पद का बलिदान देगी, तो उन्होंने कहा, मुख्यमंत्री पद के बारे में वे बात कर रहे हैं जिन्हें इसका अधिकार नहीं है। जो तय हुआ है वह मैं, अमित (शाह) भाई और उद्धव जी जानते हैं। समय आने पर आपको भी इस बारे में पता चल जाएगा। मैंने विधानसभा में भी कहा कि मैं बतौर मुख्यमंत्री वापस आ रहा हूं। यह बात कहते हुए देवेंद्र फडणवीस ने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री पद को लेकर भी भाजपा और शिवसेना में कोई बातचीत नहीं हुई है।
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