स्पेशल डेस्क
गर्मी अब उफान पर है। ऐसे में इन दिनों स्कूलों में छुट्टी होती है लेकिन कोरोना काल में सबकुछ थम गया है। गर्मी में कोचिंग कैम्पों की बहार होती है और लोग अपने बच्चों को किसी न किसी खेल से जोडऩा चाहते हैं। हालांकि क्रिकेट को लेकर को सबसे ज्यादा बुखार देखा जा सकता है। सचिन से लेकर धोनी बनने की चाह में इन बच्चों को स्टेडियम का रूख करने मजबूर करती है।
इस बार भी कई बच्चें क्रिकेट की बारीकियों को सीखने के लिए तैयार थे। इतना ही नहीं इन बच्चों ने महेंद्र सिंह धोनी, विराट कोहली ,रोहित शर्मा ,जसप्रीत बुमराह, शिखर धवन और मोहम्मद शमी बनने का सपना देख रखा था लेकिन कोरोना वायरस और लॉकडाउन ने इनके सपनों को एक झटका में खत्म कर दिया है। कोरोना काल में हजारों खिलाड़ी अपने घरों में लॉक नजर आ रहे हैं। शासन और प्रशासन की ओर से कोई गाइडलाइन जारी ना होने के कारण लखनऊ की स्टेडियमों में अभी भी ताले लगे हुए हैं ऐसे में कोई भी खिलाड़ी कहां अभ्यास करें यह उनके लिए बहुत बड़ी चुनौती है।
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जूनियर खिलाड़ी घर पर रहने को मजबूर है। पूरा सीजन हाथ से निकल गया है। छोटे बच्चों के लिए गर्मी का सीजन उनके अभ्यास के लिए अहम होता है। ऐसा में कई खिलाडिय़ों के ऋषभ और केएल राहुल, सचिन बनने का सपना भी अधर में लटक गया है। केडी सिंह बाबू स्टेडियम से लेकर लखनऊ के विभिन्न स्टेडियम में हजारों बच्चे अभ्यास करते है लेकिन कोरोना एंड लॉक डाउन की वजह ये बच्चे काफी निराश है।
बिहार छपरा के प्रवासी खिलाड़ी आदित्य सिंह दो बार वीनू मांकड स्टेट स्कूली क्रिकेट में तथा एक बार नार्थ जोन अंतर विश्वविद्यालय क्रिकेट प्रतियोगिता में टीम का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं और उत्तर प्रदेश अंडर-19 टीम में चयन के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं लेकिन लॉक डाउन ने उनके अरमानों पर पानी फेर दिया है। आदित्य का कहना है कि लगता है कि उनका इस बार का जो लक्ष्य निर्धारित किया था वह शायद पूरा नहीं हो पाएगा।
यही हाल 18 वर्षीय महाराजगंज के रहने वाले अजय कुमार चौधरी का है। अजय महेंद्र सिंह धोनी को अपना आदर्श मानते हैं तथा उन्हीं के पद चिन्हों पर चलकर उनके जैसा बनना चाहते हैं यूपीसीए के ट्रायल की तैयारियों में जुटे अजय काफी दुखी हैं उन्हें कहीं भी आसपास अभ्यास करने का मौका नहीं मिल पा रहा है। उनका कहना है कि लगता है कि जिंदगी ही इस लाक डाउन में लॉक हो गई है हालांकि राजधानी की स्टेडियम कब तक खुलेंगे यह कहना मुश्किल है। हालातों को देखते हुए लग रहा है कि खिलाडिय़ों को अभी लंबा इंतजार करना पड़ सकता है।
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दो बार वीनू मांकड स्कूली स्टेट क्रिकेट में टीम का प्रतिनिधित्व करने वाले 15 साल के लखीमपुर निवासी शिखर प्रताप सिंह इन दिनों परेशान इसलिए हैं क्योकि उनको कहीं बैटिंग करने का मौका नही मिल रहा है। उन्होंने कहा की कोरोना एंड लॉक डाउन की वजह से कही खेलना के लिए जगह नही है। घर काफी छोटा है इसलिए अभ्यास में परेशानी आ रही है।
उसने कहा कि स्कूल बंद है और गर्मी की छुट्टी भी चल रही लेकिन इस साल सबकुछ थम गया है। पता नही सबकुछ फिर से कब पटरी पर लौटेगा। सिद्धार्थ नगर के रहने वाले 14 साल के शिवांशु मिश्रा का भी यही हाल है। सचिन बनने की चाह में रोज अभ्यास करता था लेकिन देश में इस समय लॉक डाउन लगा है। केडी सिंह बाबू स्टेडियम बंद है मेरे लिए अभ्यास के लिए कोई जगह नही है। 17 साल के सुफियान खान जहीर की तरह गेंदबाजी करते है लेकिन अब उनके लिए गेंदबाजी के लिए जगह नही है चौक स्टेडियम बन्द है।
श्रावस्ती के रहने वाले 15 वर्षीय निश्चल मिश्रा भी काफी दुखी हैं उन्हें विकेट कीपिंग और बल्लेबाजी करने के लिए जगह नहीं मिल पा रही है उत्तर रेलवे स्टेडियम बंद है ऐसे में उनके लिए अभ्यास करना बड़ी चुनौती बना हुआ है यही हाल सौरव यादव ,जीशान खान , निखिल शुक्ला , अजय चौधरी , विभोर द्विवेदी शिवम यादव , चंचल सिंह , हर्ष गोयल , दर्शित भारद्वाज , मुकुल शर्मा, अंकित सिंह और आकाश शर्मा का है जिन्हें अभ्यास के लिए जगह नहीं मिल पा रही है।
कुछ ऐसे खिलाड़ी है जो अपनी फिटनेस के के लिए जिम एंड स्टेडियम जाते है लेकिन लॉक डाउन की वजह से उनकी फिटनेस खराब हो रही है ।
काफी संख्या में लोग करते लखनऊ में करते हैं अभ्यास
लखनऊ और आसपास के जिलों के लगभग 20,000 से अधिक खिलाड़ी अलग-अलग स्टेडियमों में अभ्यास कर रहे थे क्रिकेट संघ लखनऊ से पंजीकृत 126 क्लब से 4953 खिलाड़ी पंजीकृत है जो सीएएल द्वारा आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं और ट्रायल की उम्मीद में बैठे हुए हैं।
केडी सिंह व चौक में 400 से अधिक खिलाड़ी करते हैं अभ्यास
केडी सिंह बाबू स्टेडियम के प्रशिक्षक शांतनु श्रीवास्तव के अनुसार उनके यहां 300 प्रशिक्षु खिलाड़ी अभ्यास करते हैं जबकि चौक स्टेडियम के प्रशिक्षक तुषार सिन्हा के अनुसार उनके यहां 100 से अधिक खिलाड़ी प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे थे जो लॉक डाउन के कारण अपने अपने घरों में कैद होकर रह गए हैं ।
एलडीए में होती है क्रिकेट की कोचिंग
वहीं एलडीए कोचिंग सेंटर के प्रशिक्षक गोपाल सिंह के अनुसार उनके यहां नियमित रूप से दो सौ खिलाडिय़ों को ही प्रशिक्षण की अनुमति प्राप्त है जबकि गर्मियों की छुट्टियों में ग्रीष्मकालीन शिविर के दौरान 500 से अधिक खिलाड़ी प्रशिक्षण प्राप्त करते थे लेकिन इस बार लाक डाउन के कारण ग्रीष्मकालीन शिविर को रद्द कर दिया गया शासन और प्रशासन की ओर से अभी तक कोई गाइडलाइन प्राप्त नहीं है जिससे स्टेडियम को अभी बंद रखा गया है गाइडलाइन प्राप्त होते ही खिलाडय़िों के लिए स्टेडियम को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए खोल दिया जाएगा