जुबिली स्पेशल डेस्क
नई दिल्ली। सोशल मीडिया के इस दौर में कब कौन सी चीज वायरल हो जाये ये किसी को पता नहीं होता है। इतना ही नहीं सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो या फोटो के सहारे कोई भी फेमस हो जाता है।
आज हम आपको पीएम मोदी की डायरी के एक पन्ने के बारे में बताने जा रहे हैं जो इन दिनों सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।
इस वायरल डायरी के पन्ने को देखने से ये पता चल रहा है कि मोदी अपने देश को लेकर क्या विचार रखते थे। डायरी में उन्होंने संस्कृत के कुछ सूक्त वाक्यों को भी जगह दी है। जिसे आज भी अपनी स्पीच में इस्तेमाल करते हैं।
अब आपके जहन में सवाल उठ सकता है कि डायरी आखिर किस वक्त की है। आपकी जानकारी के लिए बताना चाहेंगे कि डायरी तब की बतायी जा रही है वो जब एक बीजेपी के एक साधारण कार्यकर्ता हुआ करते थे। इससे तो एक बात तो साफ होती है कि ये डायरी आज की नहीं हैं।
PM मोदी की डायरी में लिखा हुआ है कि
- हमारी चेतना है, हमारी प्रकृति है- विविधता में एकता
- कार्य संस्कृति- त्येन त्यक्तेन भूंजिथा: (यानी त्याग पुरस्कृत होता है, फलदायी होता है)
- कार्यशैली- सहनाववतु. सह नौ भुनक्तु. (यानी ईश्वर हम सभी की रक्षा करें. हम सभी का एकसाथ पालन करें.)
- राष्ट्रीय आकांक्षा- राष्ट्राय स्वाहा, इदं राष्ट्राय इदं न मम. (यानी मैं अपने जीवन को राष्ट्र की सेवा में समर्पित करता हूं, यह मेरा नहीं है )
- वैश्विक दृश्य (Global Vision) वसुधैव कुटुंबकम् (यानी पूरा विश्व, पूरी धरती हमारा परिवार है )
- परंपरा है- चरैवेति चरैवेतियानी चलते रहना, लगातार चलते रहना, नए विचारों के लिए तैयार होकर चलते रहना.
- सपना है- सर्वे अपि सुखिनः सन्तुइसका यानी कि हमारा सपना है कि पूरी दुनिया सुखी रहे
- मर्यादा है- न कामये राज्यम, न स्वर्गम्, ना पुनर्भवम्, इसका अर्थ है कि मेरी न किसी राज्य के राजा बनने की कामना है और न ही स्वर्ग की कामना है. और ना ही पुनर्जन्म की कामना है
- ऊर्जा है- वंदे मातरम् (यानी मातृभूमि का वंदन)
- प्राण शक्ति है- सौ करोड़ देशवासी और हजारों वर्ष की धरोहर