जुबिली न्यूज डेस्क
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कहा है कि कोरोना के ओमिक्रॉन वेरिएंट का नया वेरिएंट बीए.2 बहुत तेजी से फैल रहा है और अब तक यह 57 देशों में पाया जा चुका है।
WHO का कहना है कि ओमिक्रॉन का वेरिएंट बीए.2 ज्यादा संक्रामक हो सकता है और इसका असर मूल वायरस से भी अधिक हो सकता है। अब तक 57 देशों में इसके मामले में मिल चुके हैं।
कोरोना के वेरिएंट ओमिक्रॉन का पता सबसे पहले दिसंबर में दक्षिण अफ्रीका में चला था और दो महीनों से भी कम समय में यह पूरी दुनिया में फैल गया।
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अपने साप्ताहिक अपडेट में डबल्यूएचओ ने कहा कि पिछले एक महीने में जितने नमूने जमा किए गए उनमें से 93 फीसदी में ओमिक्रॉन के अलग-अलग सब-वेरिएंट्स BA. 1, BA. 1.1, BA. 2 और BA. 3 पाए गए हैं।
BA. 1 और BA. 1.1 की पहचान सबसे पहले हुई थी और यह संक्रमण का 96 प्रतिशत हिस्सा है।
BA.2 मूल वायरस से अलग है और इसके मामलों में स्पष्ट वृद्धि देखी जा रही है। डब्ल्यूएचओ ने कहा, “BA.2 के मामले 57 देशों द्वारा रिपोर्ट किए गए हैं। कुछ देशों में तो ओमिक्रॉन के कुल मामलों के आधे इसी के हैं।”
WHO का कहना है कि इन सब-वेरिएंट्स के बारे में बहुत कम जानकारी उपलब्ध है इसलिए और अधिक अध्ययन किया जाना चाहिए जो इसके संक्रामक स्वभाव और प्रतिरोध क्षमता को धोखा देने की खूबी के बारे में और अधिक जानकारी दे सके।
हाल ही में हुए कई स्टडीज में BA. 2 को मूल ओमिक्रॉन से अधिक संक्रामक बताया गया है।
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कोरोना अब भी है खतरनाक
कोविड पर संगठन की विशेषज्ञ मारिया वान केरखोव ने कहा कि अधिक जानकारी तो उपलब्ध नहीं है लेकिन शुरुआती आंकड़े ऐसा संकेत देते हैं कि बीए. 1 के मुकाबले बीए. 2 की वृद्धि थोड़ी अधिक है।
आमतौर पर ओमिक्रॉन पहले के वेरिएंट जैसे डेल्टा के मुकाबले कम घातक है और इसके लक्षण उतने गंभीर नहीं हैं। डॉ. वान केरखोव ने कहा कि अब तक तो ऐसा कोई संकेत नहीं मिला है कि बीए. 2 की गंभीरता पहले से अधिक है, लेकिन उन्होंने जोर देकर कहा कि कोई भी वेरिएंट हो, कोविड अब भी एक बहुत खतरनाक बीमारी है और लोगों को इससे बचना चाहिए।
डॉ. केरखोव ने कहा, “हमें लोगों को इस बारे में जागरूक करना चाहिए कि यह वायरस अब भी फैल रहा है और अब भी अपने स्वरूप बदल रहा है। बहुत जरूरी है कि हम सावधानी बरतें, और जो भी वेरिएंट फैल रहा हो, उससे बचकर रहें।”