न्यूज़ डेस्क
लखनऊ। कहते हैं कि बच्चों से सबसे गहरा नाता मां का होता है। वह मां तब नहीं बनती जब वह बच्चे को जन्म देती है बल्कि वह उसी दिन से मां बन जाती है जब उसे पता चलता है कि वह मां बनने वाली है।
ऐसे में उस महिला के बारे में सोचिए जिसके नवजात बच्चे को डॉक्टर ने महज 40 हजार रुपयों के लिए एक साल से गिरवी रखा लिया हो। एक साल से बच्चा डॉक्टर के पास है और मां दर-दर भटक रही है।
इंसानियत को शर्मशार कर देनी वाली यह घटना यूपी के बागपत जिले से सामने आई है। जहां बड़ौत शहर स्थित ऊषा नर्सिंग होम में सितंबर 2018 में बिजरौल गांव की रहने वाली शिखा नाम की महिला ने एक लड़के को जन्म दिया था।
ये भी पढ़े: ‘जेएनयू में हुई हिंसा देखकर मुंबई आतंकी हमले की याद आ गई’
आरोप है कि डॉक्टरों ने डिस्चार्ज करने के लिए 40 हजार का बिल बनाया। 40 हजार रुपयों का बिल न जमा करने पर डॉक्टर ने परिजनों को बच्चा देने से इनकार कर दिया। पीड़िता के मुताबिक डॉक्टर ने उनके सामने शर्त रखी कि वो धीरे-धीरे उनका पैसा चुका दे और बच्चा ले जाये।
ये भी पढ़े: इस मुस्लिम देश में बना है ये प्राचीन मंदिर, जहां निरंतर …
बता दें जब महिला किसी तरह से पैसे जोड़कर बच्चा लेने पहुंची तो डॉक्टर ने उसे भगा दिया गया। पीड़ित मां का आरोप है कि डॉक्टरों ने बच्चा देने से इनकार कर दिया और उसके बच्चे को बेच दिया है। जिसकी शिकायत दंपति ने पुलिस से की है।
जबकि महिला का आरोप है कि धीरे-धीरे उसने 30 हजार रुपये चुका दिए थे और बचे हुए 10 हजार रुपये लेकर बच्चा लेने पहुंची तो डॉक्टरों ने उन्हें बच्चा देने से इनकार कर दिया। उनका आरोप है कि डॉक्टरों ने बच्चा बेच दिया।
SSP ने दिए जांच के आदेश
जब मामला पुलिस के संज्ञान में आया तो पूछताछ में डॉक्टरों द्वारा दम्पति की मर्जी से बच्चा बेचे जाने की बात कही जा रही है। एएसपी अनिल कुमार की माने तो डॉक्टर ने पूछताछ में बताया कि दम्पत्ति ने बच्चा मुजफ्फरनगर में बेचा है।
जबकि दम्पति मना कर रहा है। जांच की जा रही है अगर बच्चा बेचा गया होगा तो कानूनी कार्यवाई की जाएगी। SSP ने इस प्रकरण की जांच के आदेश पुलिसाधिकारी को दिए हैं।