पॉलिटिकल डेस्क
बहुजन समाज पार्टी 2014 लोकसभा चुनाव और 2017 विधानसभा चुनाव में कुछ खास नहीं कर पायी हो लेकिन पैसे के मामले में वह देश की दो बड़ी राष्ट्रीय पार्टियों से काफी आगे है। चुनावी चंदे में जहां बीजेपी पहले पायदान पर है तो वहीं बैंक बैलेंस के मामले में बीएसपी टॉप पर है। बीएसपी ने फरवरी में चुनाव आयोग को दी गई जानकारी में बताया है कि एनसीआर के सरकारी बैंकों में मौजूद 8 खातों में पार्टी के 669 करोड़ रुपये हैं।
राजनीतिक दलों का सोर्स ऑफ इनकम चंदा है। ये चुनावी चंदे और पार्टी फंड से मिलने वाली रकम से अरबपति बन गए हैं। टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार मायावती की पार्टी बहुजन समाज पार्टी के पास जहां मजबूत बैंक बैलेंस है तो वहीं लाखों रुपए कैश भी है। रिपोर्ट के मुताबिक बीएसपी के पास 95.54 लाख रुपये कैश है।
दूसरे नंबर पर है सपा
समाजवादी पार्टी के पास भी मजबूत बैंक बैलेेंस है। बसपा के बाद सपा का नंबर है। समाजवादी पार्टी के बैंक खातों में कुल 471 करोड़ रुपये जमा हैं। हाल ही में हुए पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के बाद एसपी के बैंक खाते में 11 करोड़ की कमी हुई।
कांग्रेस है तीसरी सबसे ज्यादा पैसे वाली पार्टी
बैंक बैलेंस के मामले में कांग्रेस तीसरी सबसे ज्यादा पैसे वाली पार्टी है। कांग्रेस के बैंक खातों में 196 करोड़ रुपये बैंक बैलेंस है। यह जानकारी पिछले साल कर्नाटक चुनाव के दौरान पार्टी ने चुनाव आयोग को दी थी। हालांकि पार्टी ने अभी तक तीन राज्यों के विधानसभा चुनावों में मिली जीत के बाद अपने बैंक बैलेंस की अपडेट नहीं दी है।
पांचवे नंबर पर है बीजेपी
इलेक्टोरल बॉन्ड के माध्यम से चुनावी चंदा लेने में पहले पायदान पर रहने वाली बीजेपी बैंक बैलेंस के मामले में पांचवे पायदान पर है। बीजेपी से पहले चौथे नंबर पर टीडीपी है। टीडीपी के पास 107 करोड़ रुपये का बैंक बैलेंस है। इसके बाद पांचवे नंबर पर आने वाली बीजेपी का कुल बैंक बैलेंस 82 करोड़ रुपये बताया गया है। यह दिसंबर 2018 के आंकड़े हैं।
इलेक्टोरल बॉन्ड से 95 प्रतिशत चुनावी चंदा अकेले बीजेपी को मिला है। 2017-18 में बीजेपी ने 1027 करोड़ की कमाई की थी, जिसमें से बीजेपी ने दावा किया था कि 758 करोड़ रुपये खर्च कर दिए गए हैं, जो किसी भी बाकी पार्टी के खर्चे से काफी ज्यादा हैं
पार्टियों की 87 प्रतिशत आय कॉन्ट्रिब्यूशन पर आधारित : एडीआर
एडीआर की तरफ से राजनीतिक पार्टियों के इनकम टैक्स रिटर्न पर हुए एक विश्लेषण के मुताबिक, पार्टियों की 87 प्रतिशत आय कॉन्ट्रिब्यूशन पर आधारित है। बीजेपी ने पिछले साल कॉन्ट्रिब्यूशन से अपनी सबसे ज्यादा कमाई दिखाई थी। सभी पार्टियों की ज्यादातर इनकम लोगों की इच्छा से दिए गए दान से बताई गई है।