जुबिली न्यूज डेस्क
पिछले दिनों पंजाब में हुए विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने इतिहास रच दिया। आप ने अपने शानदार प्रदर्शन से हर किसी को हैरान कर दिया।
पंजाब में जीत के बाद से आम आदमी पार्टी के भी हौसले बुलंद हैं। इसके साथ ही आप आने वाले समय में राज्यों में होने वाले चुनाव में ताल ठोकने की तैयारी में जुट गई हैं।
वहीं शनिवार को हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने पंजाब की आम आदमी पार्टी सरकार पर निशाना साधा। विज ने कहा कि पंजाब में जो सरकार आई है… ये ‘बच्चा पार्टी’ है। इन्हें मुद्दों की पूरी जानकारी नहीं है।
भाजपा नेता ने कहा, “अभी पंजाब सरकार के दूध के दांत भी नहीं टूटे हैं। इस पार्टी का जन्म धोखे से हुआ है। अन्ना हजारे के आंदोलन में कहीं भी ये एजेंडा नहीं था कि राजनीतिक पार्टी बनाई जाएगी।”
विज की यह प्रतिक्रिया यूं ही नहीं है। दरअसल शुक्रवार को पंजाब विधानसभा में चंडीगढ़ को तत्काल राज्य को हस्तांतरित करने की मांग करने वाला प्रस्ताव पारित हुआ था।
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इसी पर प्रतिक्रिया देते हुए मंत्री अनिल विज ने कहा कि चंडीगढ़ का मुद्दा है, लेकिन यह अकेला मुद्दा नहीं है। इसके साथ स्ङ्घरु के जल का मुद्दा भी है, हिंदी भाषी क्षेत्र के मुद्दे हैं तो इन सबका फैसला होगा… किसी एक का नहीं।
पंजाब सरकार ने चंडीगढ़ पर ठोंका अपना दावा
पंजाब विधानसभा में चंडीगढ़ को लेकर जो प्रस्ताव पारित हुआ है उसमें कहा गया है, “पंजाब पुनर्गठन कानून, 1966 के जरिए पंजाब का पुनर्गठन किया गया, जिसमें पंजाब राज्य का, हरियाणा राज्य, केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ में पुनर्गठन किया गया और पंजाब के कुछ हिस्से तत्कालीन केंद्र शासित प्रदेश हिमाचल प्रदेश को दे दिए गए। तब से पंजाब और हरियाणा राज्य के उम्मीदवारों को कुछ अनुपात में प्रबंधन पदों को देकर साझा संपत्तियों जैसे कि भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) के प्रशासन, में संतुलन रखा गया। हाल के अपने कई कदमों से केंद्र सरकार इस संतुलन को बिगाडऩे की कोशिश कर रही है।”
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प्रस्ताव में कहा गया है, “हाल में केंद्र सरकार ने बाहर के अधिकारियों को चंडीगढ़ में तैनात किया और चंडीगढ़ प्रशासन के कर्मचारियों के लिए केंद्रीय सिविल सेवा नियम लागू किए, जो पूर्व में बनी सहमति के बिल्कुल खिलाफ है। चंडीगढ़ शहर को पंजाब की राजधानी के तौर पर बनाया गया। पूर्व में जब भी किसी राज्य को विभाजित किया गया तो राजधानी मूल राज्य के पास रही है। इसलिए पंजाब चंडीगढ़ को पूरी तरह पंजाब को हस्तांतरित करने के लिए अपना दावा पेश कर रहा है।”