जुबिली पोस्ट ब्यूरो
लखनऊ। चित्रकूट के सुप्रसिद्ध तेल कारोबारी ब्रजेश रावत के छह वर्षीय जुड़वां बच्चों का अपहरण करके फिरौती लेने के बाद भी हत्या करने के मुख्य आरोपित रामकेश यादव ने मंगलवार को मध्य प्रदेश की सतना सेंट्रल जेल के अंदर संदिग्ध परिस्थितयों में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।
उत्तर प्रदेश के चित्रकूट जिले की सीमा से लगे मध्य प्रदेश के नया गांव थाना अंतर्गत जानकीकुंड स्थित श्री सद्गुरु पब्लिक स्कूल में रामघाट के आयुर्वेदिक तेल व्यवसायी ब्रजेश रावत के जुड़वां छह वर्षीय बच्चे प्रियांश और श्रेयांश एलकेजी-यूकेजी में पढ़ते थे। स्कूल परिसर से 12 फरवरी को दिनदहाड़े बाइक सवार बदमाशों ने इन बच्चों का अपहरण कर लिया था।
घटना के बाद मध्य प्रदेश के रीवा जोन के आईजी चंचल शेखर के नेतृत्व में सतना एसपी संतोष सिंह गौर एवं चित्रकूट (उत्तर प्रदेश) के पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार झा की टीम के तमाम प्रयासों के बाद भी अपहरणकर्ताओं का कोई सुराग नहीं लगा।
बांदा जिले के मर्का थाना अंतर्गत औगासी घाट के समीप स्थित यमुना नदी से बीती 23 फरवरी की रात दोनों बच्चों के शव स्थानीय पुलिस ने बरामद किये थे।
इस मामले में मासूम बच्चों के पिता ब्रजेश रावत ने दोनों प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों से घटना की सीबीआई जांच कराने की मांग की थी।
मध्य प्रदेश के तत्कालीन आईजी रीवा चंचल शेखर और डीआईजी रीवा अविनाश शर्मा आदि ने बच्चों के शवों की शिनाख्त की थी। जुड़वां भाइयों के यमुना नदी में शव मिलने की खबर से चित्रकूट समेत आसपास के इलाके में हड़कंप मच गया था।
घटना से आक्रोशित चित्रकूट वासियों ने परिजनों के साथ मिलकर जगह-जगह जाम लगाकर उग्र विरोध प्रदर्शन भी किया था। इस दौरान प्रदर्शनकारियों और मध्य प्रदेश पुलिस के साथ झड़प भी हुई थी।
बच्चों के अपहरण और हत्या के मामले में मध्य प्रदेश पुलिस ने मास्टमाइंड निकले जानकीकुंड ट्रस्ट के पुरोहित के बेटे पद्मकांत शुक्ला और ट्यूशन पढ़ाने वाले शिक्षक रामकेश यादव समेत छोटू, पिंटू उर्फ पिंटा यादव को गिरफ्तार करके सतना सेन्ट्रल जेल भेज दिया गया था।
इसी बीच आज सुबह करीब साढ़े 10 बजे सतना जेल में बंद जुड़वां बच्चों के अपहरण और हत्याकांड के मास्टर माइंड रामकेश यादव ने जेल के अंदर संदिग्ध परिस्थितियों में तौलिया से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली जिससे जेल समेत पूरे इलाके में हड़कंप मच गया।
इस मामले में मृत मासूम बच्चों के पिता ब्रजेश रावत का कहना है कि बीती 23 फरवरी को हुए इस हत्याकांड के सबूत मिटाने की साजिश चल रही है। उन्होंने इस घटना को भी उसी साजिश का हिस्सा करार दिया है।