जुबिली न्यूज़ ब्यूरो
लखनऊ. उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की सरकार चित्रकूट की रानीपुर सेंचुरी को रानीपुर टाइगर रिजर्व की शक्ल में विकसित करने की तैयारी कर रही है. इस योजना को अमली जामा पहनाते ही यह सूबे का चौथा टाइगर रिजर्व बन जायेगा. राज्य वन्य जीव बोर्ड की बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुद इसकी घोषणा की.
राज्य वन्य जीव बोर्ड की बैठक में बताया गया कि गंगा में डॉल्फिन मछलियों की संख्या में इजाफा हुआ है. इसे देखते हुए उत्तर प्रदेश में डॉल्फिन पार्क बनाये जाने पर विचार किया जा सकता है. मुख्यमंत्री को यह प्रस्ताव बहुत पसंद आया उन्होंने कहा कि इस सम्बन्ध में प्रपोज़ल बनाकर उनके सामने पेश किया जाए. इस पार्क की स्थापना से प्रदेश में ईको टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा.
उत्तर प्रदेश में ईको टूरिज्म को बढ़ावा देने का सबसे बड़ा मकसद उत्तर प्रदेश में हरियाली को बढ़ावा देना है. मुख्यमंत्री ने उत्तर प्रदेश में एक जिला एक उत्पाद योजना भी इसी बात को ध्यान में रखकर तैयार की कि प्रदेश में जब टूरिज्म को बढ़ावा दिया जाए तो स्थानीय उत्पाद को भी बढ़ावा मिले और विभिन्न विधाओं में काम करने वाले लोगों को अपने दरवाज़े पर ही जीविका हासिल हो सके. इसके साथ-साथ सरकार हर शहर में स्थानीय लोगों को न सिर्फ पर्यटन का महत्व समझाएगी बल्कि उन्हें ट्रेनिंग देकर टूरिस्ट गाइड भी बनायेगी ताकि जब लोग घूमने आयें तो स्थानीय लोगों को रोज़गार मिल सके.
यूपी सरकार ने रानीपुर सेंचुरी को टाइगर रिजर्व के रूप में विकसित करने का प्लान बहुत सोच समझकर बनाया है. दरअसल जब केन और बेतवा नदी को लिंक किया जायेगा तो पन्ना टाइगर रिजर्व में जलभराव हो जायेगा. ऐसे में बाघ चित्रकूट के जंगलों की तरफ बढ़ने को मजबूर हो जायेंगे. इसी वजह से तय किया गया कि 630 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में रानीपुर टाइगर रिजर्व बना दिया जाए. यह प्रदेश का चौथा टाइगर रिजर्व होगा. इससे पहले दुधवा टाइगर रिजर्व, बिजनौर में अमानगढ़ टाइगर रिजर्व और पीलीभीत में इंडो नेपाल बॉर्डर पर टाइगर रिजर्व है.