जुबिली न्यूज़ ब्यूरो
नई दिल्ली. कटिहार के मेयर शिवराज पासवान की हत्या के बाद बिहार की क़ानून व्यवस्था पर फिर सवालिया निशान लगने लगे हैं. मोटरसाइकिल सवार बदमाशों ने उनके सीने पर तीन गोलियां दागीं और इसके बाद मौके से फरार हो गए. आनन-फानन में उन्हें अस्पताल पहुँचाया गया मगर तब तक उनकी साँसें उखड़ चुकी थीं.
मेयर की हत्या के बाद विपक्ष सरकार के इकबाल पर सवाल उठा रहा है. बिहार के अपर पुलिस महानिदेशक जितेन्द्र कुमार ने कहा है कि सरकार अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए छापे मार रही हैं. पुलिस ने हत्या में इस्तेमाल किये गए असलहे संतोषी कालोनी मन्दिर के पास के रेलवे ट्रैक से बरामद कर लिए हैं.
अपर पुलिस महानिदेशक ने बताया कि मृतक के भाई ने 11 अभियुक्तों के खिलाफ नामज़द रिपोर्ट दर्ज कराई है. पुलिस अब तक चार अभियुक्तों को गिरफ्तार भी कर चुकी है. उन्होंने बताया कि पुलिस अधीक्षक कटिहार और पुलिस अधीक्षक पूर्णिया पूरे मामले पर नज़र गड़ाए हुए हैं. हत्यारे किसी भी सूरत में बक्शे नहीं जायेंगे.
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मेयर के पास सरकारी गनर था लेकिन हत्या के बाद से उसकी लोकेशन भी नहीं मिली है. हत्या के समय वह साथ था या नहीं इसकी जानकारी भी पुलिस के पास नहीं है. पुलिस ने हत्याकांड की जांच में काफी प्रगति बताई है लेकिन अब तक पुलिस ने न तो गनर को लोकेशन पता की है और न ही उसे बुलाकर यही पूछा है कि आखिर मेयर की हत्या हुई कैसे? तुम्हारे ऊपर उनकी सुरक्षा का ज़िम्मा था, तुमने उन्हें बचाने में क्या भूमिका निभाई?