पॉलिटिकल डेस्क
हिंदुत्व की राजनीति को उभारने के लिए भाजपा ने मालेगांव बम धमाके की आरोपी प्रज्ञा ठाकुर को चुनावो में उतार तो दिया , मगर प्रज्ञा के एक बयां ने भाजपा के आतंकवाद के खिलाफ मुहीम को बड़ा झटका दे दिया है। मुम्बई आतंकी हमले में शहीद आईपीएस अफसर हेमंत करकरे की मौत के बारे में प्रज्ञा के बयान से भाजपा असहज हो गई है। भाजपा की भोपाल से प्रत्याशी साध्वी प्रज्ञा ने शुक्रवार को कहा था कि एटीएस चीफ हेमंत करकरे को उन्हें संन्यासियों का श्राप लगा था।
उन्हें उनके कर्मों की सजा मिली है। साध्वी प्रज्ञा ने कहा कि जिस दिन मैं जेल गई थी उसके 45 दिन के अंदर ही आतंकियों ने उसका अंत कर दिया। उनके इस बयान के सोशल मीडिया पर सियासी पारा बढ़ा दिया था। इसके बाद कांग्रेस ने भी उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया था।
उधर हेमंत करकरे की मौत के बारे में प्रज्ञा के इस बयान के बाद आईपीएस एसोसिएशन ने उनको आड़े हाथों लेते हुए इस बयान की कड़ी निंदा की है। एसोसिएशन ने ट्वीट किया, अशोक चक्र से सम्मानित शहीद आईपीएस हेमंत करकरे ने आतंकवादियों से लड़ते हुए सर्वोच्च बलिदान दिया। हम सभी ने एक उम्मीदवार द्वारा दिए गए अपमानजनक बयान की निंदा की है। ऐसा बयान शहीद हेमंत करकरे का अपमान है। हमने मांग की कि सभी शहीदों के बलिदान का सम्मान किया जाए।
बीजेपी सेना के पराक्रम का गुणगान कर मतदाताओं को लुभाने में लगी है तो वहीं बीजेपी भोपाल लोकसभा सीट से बीजेपी की उम्मीदवार प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने 2008 के मुंबई आतंकी हमले में शहीद हुए हेमंत करकरे पर विवादित बयान देकर सियासी तापमान बढ़ा दिया है। प्रज्ञा के बयान की सोशल मीडिया से लेकर विपक्षी दलों ने आलोचना हो रही है। कांग्रेस ने इसे देश के हर सैनिक का अपमान बताते हुए माफी की मांग की हैै।