प्रो. अशोक कुमार
पूर्व कुलपति कानपुर, गोरखपुर विश्वविद्यालय , वैदिक विश्वविद्यालय निंबहारा , निर्वाण
विश्वविद्यालय जयपुर , अध्यक्ष आईएसएलएस, प्रिसिडेंट सोशल रिसर्च फाउंडेशन, कानपुर
प्राणी शस्त्र विज्ञान एक बढ़ता हुआ क्षेत्र है जो जानवरों को युद्ध और अन्य सैन्य उद्देश्यों के लिए उपयोग करने का अध्ययन करता है। हाल के वर्षों में, इस क्षेत्र में कई नए रुझान उभरे हैं।
प्राणी-आधारित हथियारों का विकास
एक प्रमुख रुझान प्राणी-आधारित हथियारों के विकास में है। इन हथियारों में जानवरों को शामिल किया जाता है जिन्हें दुश्मनों को नुकसान पहुंचाने या उन्हें विचलित करने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है। उदाहरणों में शामिल हैं:
• सैन्य कुत्ते: सैन्य कुत्तों का उपयोग सैनिकों की सुरक्षा, बम और विस्फोटकों का पता लगाने और अन्य कार्यों के लिए किया जाता है। [Image of सैन्य कुत्ते]
• घुड़सवार सेना: घुड़सवार सेना अभी भी कई देशों में उपयोग की जाती है। घोड़े की गति और गतिशीलता उन्हें युद्ध के मैदान पर एक मूल्यवान संपत्ति बनाती है। [Image of घुड़सवार सेना]
• समुद्री जानवर: समुद्री जानवरों का उपयोग पनडुब्बियों का पता लगाने, सुरंगों को साफ करने और अन्य कार्यों के लिए किया जाता है।
• प्राणी-आधारित खुफिया में सुधार
एक अन्य रुझान प्राणी-आधारित खुफिया में सुधार है। जानवरों की उत्कृष्ट गंध और श्रवण क्षमताओं का उपयोग दुश्मनों को ट्रैक करने, विस्फोटकों का पता लगाने और अन्य खुफिया जानकारी एकत्र करने के लिए किया जा सकता है। उदाहरणों में शामिल हैं:
• मधुमक्खियां: मधुमक्खियों का उपयोग बम और विस्फोटकों का पता लगाने के लिए किया जा सकता है। उनकी गंध की तीव्र भावना उन्हें इन पदार्थों को सूंघने की अनुमति देती है, भले ही वे सूक्ष्म मात्रा में हों।
• चमगादड़: चमगादड़ों का उपयोग अंधेरे में दुश्मनों को ट्रैक करने के लिए किया जा सकता है। उनकी श्रवण क्षमता उन्हें उच्च आवृत्ति की आवाजों को सुनने की अनुमति देती है जो मनुष्य नहीं सुन सकते। प्राणी-आधारित चिकित्सा में अनुप्रयोग
प्राणी-आधारित चिकित्सा में भी अनुप्रयोगों की संभावना है। उदाहरण के लिए, जानवरों को सैनिकों के लिए चिकित्सा सहायता प्रदान करने के लिए प्रशिक्षित किया जा सकता है। वे घायल सैनिकों को ले जाने, प्राथमिक चिकित्सा प्रदान करने और अन्य कार्यों में सहायता कर सकते हैं।
सामाजिक और नैतिक चिंताएं
प्राणी शस्त्र विज्ञान के साथ कुछ सामाजिक और नैतिक चिंताएं भी हैं। उदाहरण के लिए, कुछ लोग इस बात से चिंतित हैं कि जानवरों का युद्ध में उपयोग करना क्रूर है। दूसरों को चिंता है कि जानवरों का उपयोग हथियारों के रूप में करना उन्हें दुश्मनों के लिए आसान लक्ष्य बना सकता है।
• उपकरणों और प्रौद्योगिकियों का विकास: वैज्ञानिक और इंजीनियरों ने प्राणी शस्त्र विज्ञान में उपयोग के लिए नए उपकरण और प्रौद्योगिकियां विकसित की हैं। इनमें कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई), मशीन लर्निंग, और जैव प्रौद्योगिकी शामिल हैं।
• प्राकृतिक दुनिया से सीखना: वैज्ञानिक और इंजीनियर प्राकृतिक दुनिया से सीखकर प्राणी शस्त्र विज्ञान में नए विचारों को विकसित कर रहे हैं। उदाहरण के लिए, वे बिच्छू के जहर से विषाक्त पदार्थ विकसित कर रहे हैं जो जैविक ऊतक को नष्ट कर सकते हैं।
कुल मिलाकर, प्राणी शस्त्र विज्ञान एक जटिल और विवादास्पद क्षेत्र है। हाल के वर्षों में इस क्षेत्र में कई नए रुझान उभरे हैं, लेकिन इससे जुड़ी सामाजिक और नैतिक चिंताएं भी हैं।