Wednesday - 30 October 2024 - 7:16 AM

‘अस्पताल ने शव वाहन नहीं दिया इसलिए बेटी का शव कंधे पर रखकर जाना पड़ा’

जुबिली न्यूज डेस्क

छत्तीसगढ़ में प्रशासन की एक शर्मनाक घटना सामने आई है। राज्य के सरगुजा जिले के एक सरकारी अस्पताल में एक 7 साल की बच्ची की मौत के बाद अस्पताल प्रबंधन ने जब शव वाहन उपलब्ध नहीं कराया तो पिता को अपनी बच्ची का शव अपने कंधे पर रखकर कई किलोमीटर चलना पड़ा।

यह मामला सामने आने के बाद अस्पताल के प्रभारी खंड चिकित्सा अधिकारी को उनके पद से हटा दिया गया है तो वहीं पूरे मामले की जांच के निर्देश जारी किए गये हैं।

स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के मुताबिक अमगला गांव के रहने वाले ईश्वरदास की 7 साल की बेटी सुरेखा पिछले 10 दिनों से बीमार थी।

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शुक्रवार की सुबह उसके पिता बच्ची को लेकर लखनपुर सामुदायिक स्वास्थ्य पहुंचे, जहां इलाज के दौरान बच्ची की मौत हो गई।

ईश्वरदास के मुताबिक वे किसी तरह मदद लेकर अस्पताल तक पहुंचे था लेकिन गांव वापस लौटने के लिए उनके पास कोई साधन नहीं था।

ईश्वरदास ने कहा,”अस्पताल के लोगों ने मुझे साफ कह दिया कि अपने साधन से जाना पड़ेगा क्योंकि अस्पताल में शव वाहन नहीं है। इसके बाद मैं पैदल ही गांव के लिए निकल पड़ा।”

हालांकि, कुछ किलोमीटर पैदल चलने के बाद राह चलते लोगों ने एक मोटरसाइकिल से ईश्वरदास को घर तक पहुंचाया।

स्वास्थ्य मंत्री ने क्या कहा?

राज्य के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने इस घटना को दुर्भाग्यजनक बताते हुए कहा कि जिले में पांच शव वाहन हैं। जिस अस्पताल में बच्ची की मौत हुई है, वहां से लगभग 17 किलोमीटर दूर उदयपुर स्वास्थ्य केंद्र में शव वाहन की व्यवस्था है।

उन्होंने कहा कि उदयपुर स्वास्थ्य केंद्र से शव वाहन बुला लिया गया था, लेकिन शोकसंतप्त परिवार ने विचलित अवस्था में स्वयं शव को ले जाने का निर्णय ले लिया।

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सिंहदेव ने कहा, “बच्ची को गंभीर हालत में भर्ती किया गया था और इलाज के बाद भी उसे बचाया नहीं जा सका। बच्ची के निधन के बाद शव वाहन को बुलाया भी गया था, लेकिन विचलित स्थिति में परिवार के सदस्य शव को लेकर चले गये। स्वास्थ्य विभाग के उपस्थित कर्मचारियों को चाहिए था कि वो शोकाकुल परिवार को स्थिति से अवगत कराते।”

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि प्रभारी खंड चिकित्सा अधिकारी को तत्काल प्रभाव से हटा दिया गया है। इसके अलावा इस मामले में जिम्मेवार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

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