- अग्नि परीक्षा है छठवां दीपोत्सव, अवध विश्वविद्यालय के लिए..
- लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए बदल रही है हर घड़ी रणनीति..
ओम प्रकाश सिंह
अयोध्या। छोटी दीपावली के दिन राम की पैड़ी पर सिर्फ दीये नहीं जलते बल्कि हर भारतवासी के आस्था की उम्मीदों का दिया जलता है। छठवां दीपोत्सव अवध विश्वविद्यालय के लिए अग्नि परीक्षा बन चुका है। लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए व्यवस्था की रणनीति बन बिगड़ रही है।
‘अजुध्या’ का अर्थ ही है जो हारी ना हो, चुनौतियों से पार पाना अयोध्या का चरित्र है। छोटी दीपावली को होने वाला दीपोत्सव पर्व सिर्फ़ रिकॉर्ड बनाने का इंवेट नहीं रह गया है। अब यहां हर भारतवासी की आस्था दीया जलता है।
आस्था के इन दीयों को राम की पैड़ी की सीमित जगह में समेटना ही अपने आप में बड़ी चुनौती है। रिकार्ड बनाने और देशवासियों ही नहीं दुनियाभर में बसे भारतीयों की उम्मीदों का दीया जलाने के लिए वालंटियर्स कमर कस रहे हैं।
तेइस अक्टूबर छोटी दीपावली को दीपोत्सव है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने साढ़े 14 लाख दिए जलाकर विश्व रिकॉर्ड बनाने का लक्ष्य अवध विश्वविद्यालय को दे रखा है। साढ़े 14 लाख दीयों को जलाने के लिए लगभग सोलह लाख दीए बिछाने होंगे। राम की पैड़ी के बत्तीस घाटों पर पिछली बार लगभग ग्यारह लाख दीए बिछाए गए थे। नोडल अधिकारी प्रो अजय प्रताप सिंह का कहना है कि कई विकल्प पर रणनीति बन रही है। उन्होंने कहा कि रिकॉर्ड भी बनेगा और दुनिया अचंभित भी होगी।
विश्वविद्यालय प्रशासन ने कई बार घाटों का निरीक्षण कर दीयों को बिछाने की जुगत लगाई। कुछ दिन पूर्व तय हुआ था कि पंप हाउस के आगे जो बंधा गुप्तार घाट की तरफ जाता है उस पर तीन चार लाख दीए बिछा दिए जाएं लेकिन अब वह योजना तमाम कारणों से स्थगित हो गई है।
राम की पैड़ी के पूरब सड़क पार चौधरी चरण सिंह घाट पर दीयों को बिछाने की योजना बन रही है। मुश्किल यह है कि यहां भी एक ही प्लेटफार्म मिलेगा क्योंकि इसकी सीढ़ियां राम की पैड़ी की तरह चौड़ी नहीं हैं। और यह घाट मुख्य आयोजन से अलग थलग होने से वालंटियर्स को निराश करेगा।
हर वॉलिंटियर्स की चाहत राम की पैड़ी के घाटों पर ही दिया जलाने की होती है। अवध विश्वविद्यालय पुरातन छात्र सभा अध्यक्ष ओम प्रकाश सिंह का कहना है कि दीपोत्सव में करोड़ों रुपए खर्च होते हैं।
मामूली खर्च करके राम की पैड़ी के घाटों पर ही सोलह लाख दीए बिछाए जा सकते हैं। उन्होंने भी घाटों का निरीक्षण कर नोडल अधिकारी को वस्तु स्थिति से अवगत कराया है। उनका कहना है कि राम पैड़ी के कैनाल प्लेटफार्म का इस्तेमाल व पैड़ी में ही अस्थाई प्लेटफार्म बनाकर लक्ष्य को आसानी से प्राप्त किया जा सकता है।