जुबिली न्यूज डेस्क
भारत में इस साल मार्च में लोगों को रिकॉर्ड लेवल की गर्मी का सामना करना पड़ा। पिछले कई सालों में मार्च में ऐसी गर्मी नहीं पड़ी।
मौजूदा वक्त में जिस तरह गर्मी का सितम बढ़ रहा है उससे लोग परेशान है कि मई-जून में गर्मी का आलम क्या होगा।
वहीं भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने बताया है कि भारत में 1901 के बाद से सबसे गर्म मार्च महीना रहा, जिस दौरान अधिकतम तापमान सामान्य से 1.86 डिग्री सेल्सियस अधिक था।
आईएमडी की रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि भारत में औसत वर्षा भी बीते महीने औसत से 71 प्रतिशत कम हुई।
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रिपोर्ट के अनुसार, देश में मार्च में औसत तापमान 33.10 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ जो कि सामान्य से 1.86 डिग्री सेल्सियस अधिक है।
वहीं इस दौरान औसत न्यूनतम तापमान 20.24 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। उत्तर-पश्चिम इलाके में सबसे अधिक तापमान दर्ज किया गया, जो कि सामान्य से 3.91 डिग्री सेल्सियस अधिक था। वहीं, सेंट्रल एरिया में भी मार्च सामान्य से 1.62 डिग्री सेल्सियस अधिक गर्म था।
देश में मार्च में औसत तौर पर 8.9 एमएम बारिश हुई, जो कि लॉन्ग पीरियड एवरेज (LPA) के 30.4 एमएम से 71 फीसदी कम है।
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मार्च में 1909 में 7.2 मिमी और 1908 में 8.7 मिमी बारिश हुई थी। ऐसे में इस साल पिछले महीने 1901 के बाद से तीसरी सबसे कम बारिश हुई।
वहीं लू को लेकर मौसम वैज्ञानिकों ने चेतावनी देते हुए कहा है कि आने वाले सालों में लू की तीव्रता बढ़ती जाएगी। पिछले कुछ सालों में ऐसे दिन अधिक रहे हैं जब बारिश हुई ही नहीं। कुछ मामलों में बहुत अधिक बारिश हुई और गर्मी भी बढ़ती गई है।