जुबिली स्पेशल डेस्क
नई दिल्ली। दिल्ली की शराब नीति में हुए घोटाले से जुड़े मामले को लेकर एक बड़ी खबर आ रही है। दरअसल अब इसकी जांच की आंच दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल तक पहुंच गई और उनको नोटिस भेजा गया है।
स्थानीय मीडिया की माने तो प्रवर्तन निदेशालने उनको दो नवंबर को हाजिर रहने के लिए कहा है। माना जा रहा है उस दिन उनसे कड़ी पूछताछ की जा सकती है।
ये पहली बार नहीं है उनको पूछताछ के लिए बुलाया गया है। इससे पहले सीबीआई ने अप्रैल माह में पूछताछ के लिए तलब किया था।
आम आदमी पार्टी के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से भी ट्वीट किया गया कि आम आदमी पार्टी को खत्म करना ही केंद्र सरकार का मकसद है। केंद्र सरकार फर्जी केस बनाकर अरविंद केजरीवाल को जेल में बंद करना चाहती है।
उधर सुप्रीम कोर्ट ने मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका को खारिज कर बड़ा झटका दिया है। कोर्ट के अनुसार मनीष सिसोदिया को बड़ा झटका देते हुए माना कि जांच एजेंसियों ने 338 करोड़ रुपये के लेन देन को अस्थायी रूप से साबित किया है। दिल्ली के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि केंद्र सरकार की ईडी ने अरविंद केजरीवाल को 2 नवंबर को तलब किया है. साफ है कि बीजेपी किसी भी कीमत पर आप को कुचलना चाहती है. वे अरविंद केजरीवाल को फर्जी मामले में गिरफ्तार करना और AAP को कुचलना चाहते हैं।
क्या थी नई शराब नीति?
22 मार्च 2021 को मनीष सिसोदिया ने नई शराब नीति की घोषणा की थी। 17 नवंबर 2021 को नई शराब नीति यानी एक्साइज पॉलिसी 2021-22 लागू कर दी गई। नई शराब नीति आने के बाद सरकार शराब के कारोबार से बाहर आ गई। इस तरह से पूरी शराब की दुकानें निजी हाथों में चली गई। नई नीति लाने के पीछे सरकार का तर्क था कि इससे माफिया राज खत्म होगा और सरकार के रेवेन्यू में बढ़ोतरी होगी। इसके बाद कुछ लोगों ने इस नई नीति को लेकर काफी बवाल किया और विवादों को देखते हुए , तब 28 जुलाई 2022 को सरकार ने नई शराब नीति रद्द कर फिर पुरानी पॉलिसी लागू कर दी।