जुबिली न्यूज़ ब्यूरो
नई दिल्ली. मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में शादी के मंडप में बैठे दूल्हे ने ऐसा कदम उठाया जिसकी वजह से दुल्हन समेत लड़की वालों की साँसें टंगी रह गईं. अचानक से दूल्हा उठा और गायब हो गया. हाथों में मेहंदी लगाए दुल्हन तीन घंटे तक दूल्हा का इंतज़ार करती रही और दुल्हन के घर वाले दूल्हा को इधर-उधर तलाश करते रहे. तीन घंटे के बाद दूल्हा अचानक से लौटा और मंडप में दुल्हन के पास आकर खुद ही बैठ गया. दूल्हा को आया देखकर खुशी की लहर तो उठी लेकिन हर आँख में यह सवाल भी नाचने लगा की तीन घंटे तक आखिर कहाँ गायब था दूल्हा.
सभी सवालों को किनारे हटाकर दूल्हा ने दुल्हन को वरमाला पहनाई और मंत्रोच्चारण के बीच सात फेरे लिए. शादी अच्छे से निबट गई लेकिन दूल्हा तीन घंटे तक कहाँ था इस सवाल ने सभी को परेशान किया हुआ था.
फेरों के बाद मुस्कुराता हुआ दूल्हा रामजी सेन खुद बोला कि आज मेरी दसवीं की परीक्षा थी. मैंने अच्छे नंबरों से परीक्षा पास करने के लिए रात-दिन मेहनत की थी. इत्तफाकन आज ही शादी की तारीख पड़ गई. बारात के साथ चला तो आया फिर मंडप में ख्याल आया कि अपना साल भी बचा लिया. बताकर जाता तो कोई जाने नहीं देता. इसी वजह से किसी को भी बताये बगैर परीक्षा देने चला गया था.
दरअसल छतरपुर के कल्याण मंडपम में बुन्देलखण्ड परिवार की तरफ से सामूहिक विवाह समारो आयोजित किया गया था. इसमें 11 जोड़ों की शादी होनी थी. इसी में रामजी सेन और प्रीति की शादी भी होनी थी.
दूल्हा ने कहा कि ज़िन्दगी की दो परीक्षाएं एक साथ पड़ गई थीं. मैंने दोनों परीक्षाएं एक साथ देने का फैसला कर लिया. जिस परीक्षा की साल भर मेहनत की थी उसे छोड़ना भी गलत होता.
दूल्हा की बात सुनकर दुल्हन पक्ष भी बहुत खुश हुआ. दुल्हन ने कहा कि उनका यह कदम हम दोनों के भविष्य के लिए बेहतर कदम था. हमने सिर्फ तीन घंटे इंतज़ार किया लेकिन एक साल पीछे जाने से बच गए.
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