जुबिली न्यूज डेस्क
आज पूरे देश में महाशिवरात्रि मनाई जा रही है। महादेव को प्रसन्न करने और उनकी आराधना के लिए महाशिवरात्रि का त्योहार बहुत ही खास माना जाता है। आज घर-घर और गली-गली हर-हर महादेव की गूंज सुनाई दे रही है। हिंदू पंचांग के अनुसार हर वर्ष फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है।
महाशिवरात्रि पूजा विधि 2023
आज सबसे पहले स्नान करके व्रत का संकल्प लेते हुए सूर्यदेव को जल अर्पित करें। फिर इसके बाद अपने घर के पास मंदिर जाकर शिवजी का दर्शन करके पूजा शुरू करें। पूजा में चन्दन, मोली ,पान, सुपारी,अक्षत,पंचामृत,बिल्वपत्र,धतूरा,फल-फूल,नारियल इत्यादि शिवजी को अर्पित करें। भगवान शिव को अत्यंत प्रिय बेल को धोकर चिकने भाग की ओर से चंदन लगाकर चढ़ाएं। ‘ॐ नमः शिवाय’ मन्त्र का उच्चारण जितनी बार हो सके करें।
अब तक 5 लाख श्रद्धालुओं ने किए दर्शन
देशभर में शिव-पार्वती के विवाह उत्सव शिवरात्रि की धूम है। काशी, महाकाल, हरिद्वार, ओंकारेश्वर, सोमनाथ समेत सभी ज्योतिर्लिंगों और बड़े शिव मंदिरों में भक्तों की भीड़ उमड़ी है। उत्तरप्रदेश के काशी के विश्वनाथ मंदिर में बाबा के दर्शन के लिए पूरी रात भक्त लाइन में लगे रहे। वाराणसी पुलिस का दावा है कि सुबह 8.30 बजे तक 3 लाख भक्त दर्शन कर चुके हैं। ऐसा ही हाल उज्जैन में महाकाल का है। यहां भी सुबह 8.30 बजे तक पौने दो लाख श्रद्धालुओं ने महाकाल के दर्शन किए हैं।
गुजरात के धर्मपुर में 31 लाख रुद्राक्षों से 31.5 फीट ऊंचा शिवलिंग बनाया गया है, जिसे देखने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। झारखंड के देवघर में बाबा बैद्यनाथ के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की 2 किलोमीटर लंबी लाइन लगी है। मंदिर के पट तड़के 3 बजे खुल गए थे। अब तक 2 लाख भक्तों ने दर्शन कर लिए हैं।
जानिए महाशिवरात्रि का महत्व
शिवपुराण में महाशिवरात्रि व्रत का महत्व बताया गया है। इस दिन व्रत करने और भगवान शिव की पूजा और मंत्रों के जाप से मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस दिन भोलेनाथ की विधि-विधान के पूजा-अर्चना करें। शास्त्र के नियमों के अनुसार शिव मंत्रों का जाप करें।
भोलेनाथ को शमी पत्र भी प्रिय है
शिवजी की पूजा-उपासना में शमी के पत्रे को भी शामिल किया जाता है। शमी के पत्ते शनिदेव को बहुत प्रिय है, लेकिन ये पत्ते शिवलिंग पर भी चढ़ाए जाते हैं। शिवलिंग पर अभिषेक करने के बाद शमी के पत्ते चढ़ाएं। ऐसा करने से भोलेनाथ के साथ-साथ शनिदेव की कृपा भी बनी रहेगी।
इस बार महाशिवरात्रि और शनि प्रदोष का विशेष संयोग
आज महाशिवरात्रि और शनि प्रदोष व्रत दोनों का ही संयोग है। महाशिवरात्रि और प्रदोष व्रत दोनों ही महादेव को समर्पित होने वाला त्योहार है। प्रदोष व्रत और महाशिवरात्रि के संयोग से भगवान शिव की पूजा करना बहुत ही शुभ और लाभदायी रहेगा।
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