जुबिली न्यूज डेस्क
बिहार का चुनावी महासंग्राम चरम पर है। पहले चरण के मतदान में सिर्फ एक सप्ताह बचा है। अबकी बार बिहार में किसकी सरकार बनेगी? इस सवाल का जवाब जल्द ही मिलने वाला है।
बिहार में सभी राजनीतिक दल चुनाव जीतकर सत्ता में आने का दावा कर रहे हैं लेकिन चुनाव से पहले सामने आए लोकनीति-सीएसडीएस के ओपिनियन पोल में नीतीश कुमार की वापसी की संकेत मिल रहे हैं।
पोल के अनुसार, एक बार फिर नीतीश सरकार को स्पष्ट बहुमत मिल सकता है, लेकिन इससे इतर सर्वे में कई लोग ऐसे भी सामने आए हैं जिन्होंने अबतक तय ही नहीं किया है कि वो किस ओर मतदान करने वाले है। यह चुनावी नतीजों वाले दिन चौंकाने वाले आंकड़े हो सकते है।
बिहार में आज तक के ओपिनियन पोल के नतीजों के मुताबिक बिहार एनडीए फिर से राज्य में सरकार बनाती दिख रही है। लोकनीति और सीएसडीएस के सर्वे में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगुवाई में एनडीए को 133-143 सीटें मिलने का अनुमान जताया गया है।
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वहीं सर्वे में महागठबंधन 100 सीटों पर सिमटती दिखाई दे रही है। सर्वे में राजद के नेतृत्व वाले गठबंधन को 88-98 सीटें मिलने का अनुमान जताया गया है।
लोजपा के लिए भी सर्वे में कुछ अच्छा अनुमान नहीं जताया गया है। एनडीए से अलग होकर लोजपा का चुनाव लडऩे का फैसला पार्टी पर भारी पड़ता दिखाई दे रहा है।
सर्वें में 143 सीटों पर चुनाव लड़ रही लोजपा को महज 2-6 सीटें मिलने की बात कही गई है, जबकि निर्दलीय व अन्य को 6 से 10 सीटें मिलने का अनुमान जताया गया है।
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लोकनीति-सीएसडीएस के ओपिनियन पोल में 37 विधानसभा सीटों के 148 बूथों को शामिल किया गया।
इस सर्वे में 3731 लोगों से बातचीत की गई। यह 10 से 17 अक्टूबर के बीच किया गया। सर्वे में 60 फीसदी पुरुष और 40 फीसदी महिला मतदाताओं की राय जानी गई।
सर्वे के अनुसार 38 फीसदी लोगों ने एक बार फिर से एनडीए की सरकार पर अपना भरोसा जताया हैं तो वहीं 32 फीसदी लोग राजद के नेतृत्व में राज्य में बदलाव चाहते हैं।
इन लोगों को मानना है कि इस बार तेजस्वी यादव को सरकार बनाने का मौका मिलना चाहिए। वहीं, लोजपा के लिए संतोष की बात है कि राज्य में 6 फीसदी लोग ऐसे हैं जो चाहते हैं कि राज्य में चिराग पासवान की पार्टी सत्ता में आए।
चुनाव प्रचार के दौरान एनडीए जहां अपने पिछले कामों को गिनवा रहा हैं तो वहीं राजद नेता तेजस्वी यादव बेरोजगारी के मुद्दे पर नीतीश कुमार को घेरने की कोशिश में जुटे हैं।
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सर्वे के अनुसार 29 फीसदी लोगों ने विकास को ही मुख्य मुद्दा माना है, जबकि 20 फीसदी ऐसे लोग हैं जिनका मानना है कि राज्य में बेरोजगारी चुनावी मुद्दा होना चाहिए। सर्वे के अनुसार 11 फीसदी लोग मंहगाई, 6 फीसदी लोग गरीबी और 7 फीसदी लोगों ने शिक्षा को इस चुनाव में मुद्दा माना है।
बिहार में 243 सीटों वाली विधानसभा का चुनाव का तीन चरणों में 28 अक्टूबर, 3 नवंबर और 7 नवंबर को मतदान होना है। मतों की गिनती 10 नवंबर को की जाएगी। इसके बाद तय हो जाएगा कि राज्य में कौन से दल की सरकार बनेगी और कौन सा दल विपक्ष में बैठेगा।
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