न्यूज डेस्क
उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने आज विश्वेश्वरैया भवन में वरिष्ठ साहित्यकार एवं उत्तर प्रदेश विधान सभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित की पुस्तक ‘मधु अभिलाषा’ और ‘हिंद स्वराज्य का पुनर्पाठ’ का विमोचन किया। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के तौर पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति शबीहुल हसनैन कार्यक्रम में मौजूद रहे। इसके अलावा राष्ट्रधर्म मासिक के संपादक प्रो0 ओम प्रकाश पाण्डेय, विधान सभा प्रमुख सचिव प्रदीप कुमार दुबे, अनामिका प्रकाशन के प्रमुख विनोद कुमार शुक्ल सहित कार्यक्रम के संचालक और लखनऊ दूरदर्शन के आत्म प्रकाश मिश्रा उपस्थित थे।
इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि विधान सभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित की पुस्तक ‘मधु अभिलाषा’ और ‘हिंद स्वराज्य का पुनर्पाठ’ वास्तव में समाज को दृष्टि देने वाली सामयिक एवं प्रासंगिक पुस्तक है। गीता, रामायण, कुरान, बाइबिल व अन्य पुस्तकों के बारे में अनेक लोगों ने लिखा है, पर हर लेखक के लिखने के बाद नई-नई बातें सामने आती हैं। उसी प्रकार दीक्षित द्वारा रचित पुस्तकों में बड़े सहज व सरल ढ़ग से नई बातें सामने आती हैं, यही उनकी विशेषता है। उन्होंने कहा कि दीक्षित का लेखन सरल होता है पर विषय गंभीर होते हैं और वे सन्दर्भ भी बड़े प्रमाणिक ढ़ग से प्रस्तुत करते हैं।
इसके अलावा उन्होंने कहा कि हृदय नारायण की अब तक 28 पुस्तकें व 5000 लेख प्रकाशित हो चुके हैं। उनकी लेखनी से ईष्या होती है क्योंकि उनकी कलम बड़ी विनम्रता और सहजता से चलती है। राज्यपाल ने कहा कि उन्होंने अब तक केवल अपने संस्मरण पर आधारित पुस्तक ‘चरैवेति!चरैवेति!!’ का संकलन किया है। इस बात को भंली भांति समझते हैं कि पुस्तक प्रकाशित करने में कितनी पीड़ा होती है। दीक्षित ने एक समय में अपनी जुड़वां पुस्तकों का प्रकाशन किया। पूरा देश महात्मा गांधी की 150वीं जयंती मना रहा है ऐसे में इनकी पुस्तक के माध्यम से गांधी के विचारों को जानने और समझने का अवसर मिलेगा।
राज्यपाल ने कहा यह सुखद संयोग है कि आज शंकराचार्य का जन्मदिन है और कल नारद जी की जयंती है। दीक्षित उन्नाव से आते हैं, जो साहित्यकारों, क्रांतिकारियों और विद्वानों की धरती है। बहुआयामी व्यक्तित्व के मालिक विधान सभा अध्यक्ष से उनका परिचय काफी पुराना है। दोंनो एक ही राजनैतिक दल से आते हैं, फर्क इतना है कि वे पार्टी से त्यागपत्र देकर आये हैं और दीक्षित पार्टी से जुड़े हैं। वे एक अच्छे लेखक, प्रखर वक्ता और योग्य पत्रकार हैं। उन्होंने कहा कि वे विधान सभा अध्यक्ष के नाते सदन का बेहतरीन संचालन करते हैं।
वहीं, न्यायमूर्ति शबीहुल हसनैन ने पुस्तक ‘मधु अभिलाषा’ पर चर्चा करते हुए कहा कि दीक्षित ने प्रस्तावना में अद्भुत बातें लिखी हैं, जो विचार करने पर मजबूर करती हैं। उन्होंने कहा कि पुस्तक से पूरा समाज लाभान्वित होगा।