जुबिली न्यूज़ ब्यूरो
लखनऊ. देश की सर्वोच्च अदालत ने आज़म खां को शुक्रवार के दिन एक और बड़ी राहत दी है. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आज़म खां की ज़मानत के लिए जो शर्त तय की थी उसे सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया है.
आज़म खां की तरफ से उनके वकील कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उनकी ज़मानत के बदले में यह शर्त रखी है कि जौहर यूनीवर्सिटी के उस हिस्से को ढहा दिया जायेगा जिसे शत्रु सम्पत्ति पर कब्ज़ा करके बनाया जाना बताया जा रहा है.
जस्टिस डी.वाई.चन्द्रचूड़ और जस्टिस बेला एम.त्रिवेदी की पीठ ने आज़म खां मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि ज़मानत के लिए इस तरह की शर्त लगाना असंगत है. हाईकोर्ट ने तो इसे दीवानी अदालत की डिक्री की तरह से इस्तेमाल किया है. सुप्रीम कोर्ट ने जौहर यूनीवर्सिटी के सन्दर्भ में आज़म खां द्वारा उठाये गए सवालों को सुनने के बाद उत्तर प्रदेश सरकार को जवाब देने के लिए नोटिस जारी किया.
कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि आज़म खां की ज़मानत के बाद रामपुर के डीएम ने जौहर यूनीवर्सिटी को नोटिस जारी कर उन हिस्सों को खाली करने को कहा है जिसे गिराया जाना है. सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट द्वारा ज़मानत के लियेक लगाई गई शर्त को हटाते हुए कहा है कि आज़म खां की याचिका पर छुट्टियाँ खत्म होने के बाद सुनवाई होगी. सुप्रीम कोर्ट द्वारा लगाई गई इस रोक के बाद अब जौहर यूनिवर्सिटी के किसी भी हिस्से को गिराया नहीं जा सकेगा.
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