न्यूज डेस्क
सुस्त इकोनॉमी को रफ्तार देने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक सप्ताह में कई बड़े ऐलान कर चुकी हैं। आज एक बार फिर उन्होंने बड़े ऐलान किए।
वित्त मंत्री ने घरेलू कंपनियों और नई घरेलू मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों के लिए कॉर्पोरेट टैक्स की दरों में कटौती का प्रस्ताव रखा। निर्मला सीतारमण ने ग्रोथ को प्रमोट करने के लिए नई घरेलू कंपनियों के लिए कॉर्पोरेट टैक्स की दर को घटाकर 22 प्रतिशत कर दिया है, बशर्ते कॉर्पोरेट्स ने किसी तरह का इन्सेंटिव या छूट न ली हो। वित्त मंत्री के इस ऐलान से शेयर बाजार झूम उठा।
ऐलान के तुरंत बाद बाजार में लिवाली तेज हो गई और बीएसई का प्रमुख इंडेक्स सेंसेक्स में 1600 पॉइंट्स से ज्यादा तक की उछाल देखने को मिली। बैंकिंग और ऑटो शेयरों में सबसे ज्यादा बढ़त देखने को मिल रही है। निफ्टी ने भी बहुत दिनों बाद 11 हजार के स्तर के पार गया है।
मौजूदा वित्त वर्ष यानी 2019-20 से ही ग्रोथ और निवेश को बढ़ाने के लिए इनकम टैक्स ऐक्ट में बदलाव लागू किया जायेगा। घरेलू कंपनियों पर बिना किसी छूट के इनकम टैक्स 22 प्रतिशत होगा और सरचार्ज और सेस जोड़कर प्रभावी दर 25.17 फीसदी हो जाएगी।
गौरतलब है कि पहले यह दर 30 प्रतिशत थी। वित्त मंत्री ने बताया कि कॉर्पोरेट टैक्स घटाए जाने और अन्य रियायतों से सरकार के खजाने पर 1.45 लाख करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा।
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वहीं वित्त मंत्री ने मेक इन इंडिया को बूस्ट देने के लिए इनकम टैक्स ऐक्ट में एक क्लॉज जोड़ा। वित्त वर्ष 2019-20 में 1 अक्टूबर से बाद में गठित घरेलू कंपनी जो मैन्युफैक्चरिंग में निवेश करेगी, उसेके पास 15 पर्सेंट की दर से आयकर देने का विकल्प होगा।
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यानी 1 अक्टूबर 2019 को या उसके बाद भारत में गठित किसी भी कंपनी पर 15 फीसदी टैक्स लगेगा। अगर वे 31 मार्च 2023 से पहले उत्पादन शुरू कर देती हैं तो 15 प्रतिशत टैक्स लगेगा। सभी तरह के सरचार्ज और सेस समेत 17.10 प्रतिशत प्रभावी दर होगी।
इसके अलावा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इन्सेंटिव और छूट ले रहीं कंपनियों को राहत देने के लिए भी कुछ ऐलान किए। उन्होंने कहा कि ऐसी कंपनियों को मिनिमम ऑल्टरनेट टैक्स (MAT) रिलीफ दिया जा रहा है। MAT को 18.5 प्रतिशत की दर से घटाकर 15 प्रतिशत कर दिया गया है।
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