जुबिली न्यूज डेस्क
पिछले साल नंवबर से चल रहे किसान आंदोलन में 700 से अधिक किसानों की मौत हो चुकी है। भले ही मोदी सरकार ने तीन कृषि कानून को वापस ले लिया लेकिन अब भी किसान आंदोलन स्थल पर डटे हुए हैं।
किसान नेताओं का कहना है कि वह आंदोलन तभी खत्म करेंगे जब सरकार उनकी अन्य मांगे पूरी करेगी। किसान संगठन आंदोलन के दौरान मरे किसानों के परिजनों को मुआवज़े की मांग कर रहे हैं। साथ ही वे किसानों के खिलाफ दर्ज किए गए मुकदमों को भी खारिज करवाना चाहते हैं। न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी का कानून बनाने की मांग तो है ही।
वहीं लोकसभा में एक लिखित जवाब में केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने कहा है कि उनके पास किसान आंदोलन में मरने वालों का रिकॉर्ड नहीं है, इसलिए मुआवजे का सवाल ही नहीं उठता।
दरअसल लोकसभा में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन के दौरान मरने वाले किसानों के आंकड़ों की जानाकारी मांगी गई और इसके साथ ही उनके परिवार को मुआवजे के प्रावधान को लेकर भी सवाल पूछे गए।
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मंगलवार को इन सवालों के लिखित जवाब में कृषि मंत्री तोमर ने सदन को बताया कि “कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के पास इस मामले का रिकॉर्ड नहीं है इसलिए मुआवजे का सवाल ही नहीं उठता।”
इसके अलावा एमएसपी लागू करने से जुड़े सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा, “भारत सरकार कृषि लागत और मूल्य आयोग (सीएसीपी) की सफारिश को ध्यान में रखते हुए हर साल उचित और औसत गुणवत्ता की 22 फसलों पर एमएसपी तय करती है।
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तोमर ने कहा, सरकार अपनी हस्तक्षेप योजनाओं के जरिए किसानों को लाभकारी कीमत भी प्रदान करती है। केंद्र और राज्य की एजेंसियां किसानों से एमएसपी पर खरीद भी करती हैं।”
सरकार के इस जवाब पर दोआबा किसान कमेटी के स्टेट चीफ जंगवीर सिंह चौहान ने कहा, सरकार के पास आईबी से लेकर दिल्ली पुलिस के पास हर तरह के आंकड़ा है। अगर वे कह रहे हैं कि किसानों की मौत का डाटा नहीं है, तो ये गलत है। बावजूद इसके अगर सरकार कहती है तो हम उन्हें मुआवजे के लिए किसानों की मौत का आंकड़ा देंगे।
कांग्रेस ने साधा निशाना
उधर, कृषि मंत्री के इस दावे पर कांग्रेस ने निशाना साधा है। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, तोमर साहब, नाकामी छुपाने के लिए इतना बड़ा झूठ! जबकि सच्चाई है कि 2020 में 10677 किसानों ने आत्महत्या की। 4090 किसान वो जिनके खुद के खेत हैं, 639 किसान जो ठेके पर जमीन ले खेती करते थे, 5097 वो किसान जो दूसरों के खेतों में काम करते थे। पिछले 7 सालों में 78303 किसान आत्महत्या कर चुके।
आंदोलन में मारे गए किसानों के परिजनों को 5 करोड़ रु का मुआवजा दे सरकार : कांग्रेस
वहीं कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने मांग की है कि किसान आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के परिजनों को केंद्र सरकार को 5 करोड़ रुपए का मुआवजा देना चाहि। इसके साथ ही किसानों की एमएसपी समेत अन्य मांगों को भी माना जाना चाहिए।
तिवारी संसद में शून्य काल के समय बोल रहे थे। उन्होंने कहा, यह ऐतिहासिक किसान आंदोलन है, जिसकी वजह से काले कानून वापस लिए गए। उन्होंने कहा, इस आंदोलन में 700 किसान शहीद हो गए।