जुबिली न्यूज़ ब्यूरो
नई दिल्ली. पंजाब के एडवोकेट जनरल एपीएस देओल के इस्तीफे के साथ ही पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू की मांग पूरी हो गई है. एपीएस देओल को चरणजीत चन्नी ने मुख्यमंत्री बनने के बाद पंजाब का एडवोकेट जनरल नियुक्त किया था. इस नियुक्ति के साथ ही सिद्धू नाराज़ हो गए थे. सिद्धू की शिकायत यह थी कि चन्नी सरकार ने ऐसे व्यक्ति को इतनी महत्वपूर्ण ज़िम्मेदारी सौंप दी है जो बहबल कलां पुलिस फायरिंग मामले के आरोपित पंजाब के पूर्व डीजीपी सुमेध सिंह सैनी और सस्पेंड आईजी परमराज सिंह उमरानंगल का केस लड़ रहे थे.
एपीएस देओल की नियुक्ति के साथ ही नवजोत सिद्धू सरकार से नाराज़ हो गए और कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफ़ा देकर सरकार की मुश्किलें बढ़ा दीं. इस नियुक्ति को लेकर भारतीय जनता पार्टी और आम आदमी पार्टी ने भी सरकार पर सवाल खड़े किये. दोनों पार्टियों ने कहा कि ऐसा व्यक्ति पंजाब के लोगों को इन्साफ कैसे दिलाएगा जो पुलिस फायरिंग मामले में आरोपित का केस लड़ रहा हो. देओल की पैरवी की वजह से ही पंजाब के पूर्व डीजीपी की गिरफ्तारी नहीं हुई थी.
एपीएस देओल की पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के काबिल वकीलों में गिनती होती है. वह आपराधिक और संवैधानिक मामलों के विशेषज्ञ वकील माने जाते हैं. वह अब तक के सबसे कम उम्र के बार काउंसिल ऑफ़ पंजाब और हरियाणा के चेयरमैन रहे हैं.
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