न्यूज़ डेस्क
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के बांदा में दहेज न दे पाने पर एक युवती के हाथों की मेंहदी फीकी पड़ गई। पिता के सपने चकनाचूर हो गए। शादी के दिन ऐन मौके पर वर पक्ष द्वारा दहेज अपने मन मुताबिक न पाने से नाराज होकर बारात लेकर वधू पक्ष के दरवाज़े ही नहीं पहुंचे।
जिसके बाद कन्या पक्ष सदमे में है। घर के आंगन में मंडप सजा है। दुल्हन के हाथों में मेंहदी लगी है। दरवाज़ा अभी सजा हुआ है। पर अब न गाने बजाने की आवाज़ आ रही है और न नाते रिश्तेदारों के चेहरों में वो उत्साह है।
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मामला जनपद के बल्लान गांव का है। जहां बीती 28 तारीख को गीता की बारात आनी थी, लेकिन सुबह ही लड़के वालों ने फोन पर मना कर दिया। लड़की के पिता शिव शरण यादव का कहना है कि ससुराल वालों ने फोन पर कहा कि पूरा दहेज़ न मिलने के कारण वह बारात लेकर के नहीं आएंगे।
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फिर भी वह लोग शाम तक बारात का इन्तेजार करते रहे। घर में सारी रस्में पूरी होती रही। युवती के हाथ में उसी तरह मेंहदी रची रही और वह बारात आने की उम्मीद लगाए बैठी रही। लेकिन जब शाम तक बारात नहीं आई, तो लड़की के पिता ने ससुराल वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने के लिए थाने पहुंच कर तहरीर दी।
बारात बांदा के ही बबेरू थाना अंतर्गत आहार गांव से आनी थी। जहां रहने वाले शत्रुघ्न नाम के युवक से गीता की शादी तय हुई थी। युवती के परिजनों का आरोप है कि ससुराल वालों को वह लोग पहले ही साढ़े पांच लाख दे चुके हैं। इसके बाद भी उनकी मांग बढ़ती ही जा रही थी।
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आगे दहेज़ ना दे पाने में अक्षम होने की वजह से बारात नहीं आई और खुशी का माहौल गम में बदल गया। बेटी का पिता व युवती दोनों सदमे में है। साथ ही न्याय के लिए थाने के चक्कर लगा रहे हैं। लेकिन अभी तक थाने में मुकदमा नहीं दर्ज किया गया है।
सीओ सिटी लोक मिश्रा के अनुसार बांदा में एक युवती का विवाह तय कर दिया गया था। लेकिन पूरा दहेज़ ना मिलने की वजह से लड़के वाले बारात लेकर नहीं आए। पीड़ित परिवार से बातचीत से पता लगा है कि दहेज़ वापस दे रहे हैं, जैसे ही दहेज़ वापस मिल जाएगा। तभी पुलिस मुकदमा पंजीकृत करके कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी।