जुबिली स्पेशल डेस्क
लखनऊ। 29 अगस्त यानी आज के दिन पूरे भारत में खेल दिवस मनाया जा रहा है। पूरे भारत में लोगों ने खेल दिवस को सेलिब्रेट किया जा रहा है क्योंकि इसी दिन भारत के महान हॉकी खिलाड़ी मेजर ध्यान चंद का जन्म हुआ था लेकिन यूपी की राजधानी लखनऊ में खेल दिवस के नाम पर ही खेल कर दिया गया है।
दरअसल खेल दिवस के मौके पर लखनऊ में कई कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं। इसी सिलसिले में राजधानी लखनऊ क्षेत्रीय कार्यालय द्वारा दो दिन हॉकी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया है लेकिन अफसोस की बात है आयोजकों की बेरुखी की वजह से टीमों का टोटा है।
आलम तो ये हैं कि बगैर खेले ही एक टीम को सीधे फाइनल में उतारा जा रहा है। इतना ही नहीं केडी सिंह बाबू सोसाइटी की टीम को कल सेमीफाइनल खेलने के लिए बुलाया गया था लेकिन ये टीम दिन भर स्टेडियम में मौजूद रही लेकिन कोई दूसरी टीम सेमीफाइनल फाइनल खेलने के लिए नहीं पहुंची।
इसके बाद आयोजकों ने उनसे कहा कि आप कल सीधे फाइनल खेले। हालांकि ये पता नहीं चल सका है कि फाइनल में दूसरी टीम कौन सी होगी।
खेल दिवस मौके पर लखनऊ में आयोजित हॉकी टूर्नामेंट में केवल 3 टीमें ही भाग लिया है। .शाहिद स्टेडियम गोमती नगर की एक टीम जबकि दूसरी टीम खेलो इंडिया के डी सिंह बाबू स्टेडियम, वही थर्ड टीम के नाम पर केडी सिंह बाबू सोसाइटी है।
एक हॉकी के जानकार नाम न छापने की शर्त पर बताया कि एक तरफ हॉकी के जादूगर के नाम पर भारत में कई खेलों को आयोजित किया जा रहा है दूसरी तरफ क्षेत्रीय कार्यालय की उदासीनता जिसको सहन नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि मेजर ध्यान चंद भारतीय हॉकी टीम के लिए एक प्रेरणा थे और उन्होंने अपने खेल से देश को कई स्वर्ण पदक दिलाए थे।
इतना ही नहीं भारतीय हॉकी एक बार फिर पटरी लौट चुकी है लेकिन आज भी हमारे जिम्मेदार लोग अपनी जिम्मेदारी को नहीं समझते हैं।
उन्होंने बताया कि क्षेत्रीय कार्यालय के द्वारा इस टूर्नामेंट को लेकर उदासीनता का अंदाजा सिर्फ इस बात से लगा सकते हैं कि टूर्नामेंट के लिए दूसरी टीमों को बुलाने को लेकर कोई ठोस योजना नहीं है और न ही इसे गंभीरता से लिया जाता है। खेल दिवस के नाम पर इस टूर्नामेंट को कराना है बस यही सोच रहती है। सवाल ये हैं कि क्या लखनऊ में हॉकी के खिलाड़ी नहीं मिल रहे हैं। नई प्रतिभा कैसे आये इसको लेकर हॉकी के जिम्मेदारों को सोचना होगा।