जुबिली न्यूज़ डेस्क
नई दिल्ली. देश के कई राज्यों में विधानसभा चुनाव और मध्य प्रदेश की 25 सीटों पर उपचुनाव होना है. चुनाव कब होंगे इसे लेकर सियासी दलों में सिर्फ अंदाज़े ही लगाए जाते रहे हैं लेकिन 24 जुलाई को यह कयासबाजी का दौर रुक जाएगा क्योंकि इन चुनावों को लेकर शुक्रवार को निर्वाचन आयोग बैठक करने जा रहा है. इस बैठक में आयो तय करेगा कि कोरोना काल में चुनाव कराया जाए या नहीं. चुनाव कराया जाए तो फिर उसका तरीका क्या हो.
मध्य प्रदेश में विधानसभा की 230 सीटें हैं. ज्योतिरादित्य सिंधिया के 22 समर्थक कांग्रेस विधायकों ने इस्तीफ़ा दे दिया था. दो सीटें विधायकों के निधन की वजह से रिक्त हो गई हैं. कांग्रेस के एक विधायक नारायण पटेल ने 23 जुलाई को इस्तीफ़ा दे दिया. इस तरह से 25 सीटों पर उपचुनाव होना है.
यह उपचुनाव कांग्रेस और बीजेपी दोनों के लिए अपनी अस्मिता का सवाल है. उपचुनाव के बारे में हालांकि यह धारणा है कि सत्ताधारी पार्टी चुनाव जीतती है लेकिन पिछली बार कांग्रेस के टिकट पर जिन लोगों ने बीजेपी को हराया था वही उपचुनाव में बीजेपी के टिकट पर कांग्रेस के खिलाफ मैदान में उतरेंगे. जनता ऐसे प्रत्याशियों को कैसे लेगी वही उपचुनाव का नतीजा तय करेगा.
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कमलनाथ के नेतृत्व में कांग्रेस ने चुनाव के लिए संकल्प पत्र तैयार कर लिया है. कांग्रेस प्रत्याशी जनता को अपने पिछले चुनाव के वादे भी याद दिलाएंगे और यह भी बताएँगे कि कितने वादे पूरे कर दिये. कांग्रेस बतायेगी कि कमलनाथ सरकार ने सौ से ज्यादा वचन निभाये हैं. बाकी वादों को पूरा करने से पहले बीजेपी ने सरकार गिरा दी. फिर सत्ता में वापसी हुई तो बाकी वादे भी पूरे करेंगे.