जुबिली न्यूज डेस्क
शनिवार यानी आज दुनिया भर में पहला विश्व ध्यान दिवस या वर्ल्ड मेडिटेशन डे मनाया जा रहा है. 29 नवंबर 2024 को संयुक्त राष्ट्र की आम सभा में पास किए गए प्रस्ताव में 21 दिसंबर को वर्ल्ड मेडिटेशन डे मनाने का निर्णय लिया गया था.
इस दिवस को मनाने के लिए संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन की ओर से न्यूयार्क स्थित संयुक्त राष्ट्र के मुख्यालय में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस समारोह में आध्यात्मिक गुरु श्रीश्री रवि शंकर के नेतृत्व में एक लाइव वैश्विक मेडिटेशन सत्र का आयोजन किया गया.
कार्यक्रम में बोलते हुए आध्यात्मिक गुरु श्रीश्री रवि शंकर ने कहा है, “मेडिटेशन कोई लग्ज़री नहीं है, बल्कि यह एक आवश्यकता है. मैं इसे मानसिक हाइजीन कहूँगा. मेडिटेशन हमें केंद्रित करने में मदद करता है और हमें अवसाद और ग़ुस्से से दूर रखता है. मेंटल हेल्थ ने हमारी एक बड़ी आबादी पर असर डाला है.”
मेडिटेशन करने के फायदे
अगर आप उन लोगों में से हैं जो खुद को हमेशा किसी ना किसी उलझन में, खोया हुआ और अंदर ही अंदर घुटता हुआ महसूस करते हैं तो मेडिटेशन आपके लिए सही तरीका हो सकता है खुद को बेहतर तरह से समझने का. सेल्फ अवेयरनेस बढ़ाने के लिए ध्यान लगाया जा सकता है. इससे आप खुद के अंदर झांक सकते हैं. इससे नकारात्मक ख्याल दूर रहते हैं और सकारात्मकता बढ़ती है.
एकाग्रता बढ़ती है
ध्यान लगाने पर एकाग्रता बढ़ती है. अगर आपको किसी काम को करते समय ध्यानकेंद्रित करने में दिक्कत होने लगती है तो ध्यान लगाया जा सकता है. ध्यान लगाने पर फोकस तो बढ़ता ही है, साथ ही आपका अटेंशन स्पैन भी बढ़ता है. इससे याद्दाश्त तेज होने में भी मदद मिलती है.
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आती है अच्छी नींद
नींद संबंधी दिक्कतें भी मेडिटेशन के माध्यम से बेहतर हो सकती हैं. माइंडफुलनेस बेस्ड मेडिटेशन की जाए तो इससे रिलैक्स्ड महसूस होता है. जो लोग ध्यान लगाते हैं यानी मेडिटेशन करते हैं उनकी स्लीप साइकिल बेहतर होने लगती है, टेंशन कम होती है, शरीर रिलैक्स्ड महसूस होता है और चैन की नींद लेने में मदद मिलती है.