जुबिली न्यूज डेस्क
यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद यूरोपीय देशों द्वारा रूस के बैंकों पर लगाए गए प्रतिबंधों का असर अब दिखने लगा है। इस बीच रूस के सेंट्रल बैंक ने अपनी ब्याज दर में बड़ा इजाफा किया है।
रूस के सेंट्रल बैंक ने ब्याज दर को 9.5 फीसदी से बढ़ाकर 20 प्रतिशत कर दिया है।
पश्चिमी देशों की ओर से लगाए गए आर्थिक प्रतिबंधों की वजह से रूस की मुद्रा रूबल के गिरते दामों और महंगाई पर लगाम कसने के इरादे से ये कदम उठाया गया है।
वित्त मंत्रालय के अनुसार, मॉस्को ने कंपनियों को अपने विदेशी मुद्रा राजस्व का 80 प्रतिशत बेचने का भी आदेश दिया है।
सेंट्रल बैंक ने अपने एक बयान में कहा है, “रूसी अर्थव्यवस्था की बाहरी परिस्थितियां बहुत अधिक बदल गई हैं। ”
वहीं आज रूस की मुद्रा रूबल में एक बार फिर से बड़ी गिरावट आई है। सोमवार को यह करेंसी डॉलर के मुकाबले करीब 30 फीसदी टूट गई और नए रिकॉर्ड लो लेवल पर आ गई। जानकारों का कहना है कि पश्चिमी देशों के कड़े प्रतिबंधों का असर अब साफ दिखने लगा है।
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इन देशों ने रूस पर लगाए कड़े प्रतिबंध
अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन, जापान, जर्मनी जैसे देशों ने पहले रूस के खिलाफ हल्के प्रतिबंध लगाने का फैसला किया था, लेकिन इसका रूस पर कोई असर नहीं हुआ और उसने यूक्रेन के ऊपर हमला बोल दिया।
इसके बाद अमेरिका व उसके सहयोगी देशों ने प्रतिबंध कड़े कर दिए। अब न सिर्फ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन प्रतिबंधों के दायरे में आ चुके हैं, बल्कि रूस का सेंट्रल बैंक भी इसका शिकार बन चुका है। इसके अलावा रूस को इंटरनेशनल पेमेंट सिस्टम स्विफ्ट से भी बाहर करने की तैयारी है।
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