जुबिली न्यूज डेस्क
एक ओर देश में तेजी से कोरोना का टीकाकरण अभियान चल रहा है तो वहीं दूसरी ओर कोरोना के मामले भी बढ़ रहे हैं। वहीं इस बीच ऐसी भी खबरें लगातार आ रही है कि कोरोना का टीका लेने वाले भी संक्रमित हो रहे हैं।
ऐसे कई मामले अब तक मीडिया में आ चुके हैं। ऐसा ही एक मामला पुणे से आया है। पुणे म्युनिसिपल कॉरपोरेशन के हेल्थ डिपार्टमेंट के चीफ डॉ. आशीष भारती कोरोना वैक्सीन लगवाने के बाद संक्रमित हो गए।
डॉ. भारती के अलावा कोविड-19 पर महाराष्ट्र सरकार के सलाहकार डॉ. सुभाष सालुंखे भी कोरोना वैक्सीन लेने के बाद संक्रमित हो गए हैं।
जहां डॉ. भारती कोरोना वैक्सीन की पहली डोज लेने के 4 दिन बाद संक्रमित हुए तो वहीं डॉ. सुभाष 23 फरवरी को कोविशील्ड की दूसरी डोज लेने के करीब तीन सप्ताह बाद संक्रमित पाए गए हैं।
इसके पूर्व भी ऐसे मामले सामने आ चुके हैं। इन मामलों की वजह से अब कोरोना वैक्सीन को लेकर सवाल खड़ा हो गया है कि क्या शरीर में एंटी बॉडीज बनने के बाद भी कोरोना संक्रमण हो सकता है।
डॉ. सुभाष सालुंखे, खुद के कोरोना पॉजिटिव होने के बाद केंद्र और राज्य सरकार को पत्र लिखकर कोरोना वैक्सीन की दूसरी डोज को टालने का आग्रह किया गया है।
सालुंखे ने अथॉरिटीज से कहा है कि इस बात की जाांच की जानी चाहिए कि आखिर कोविड-19 का ऐसा कौन सा वैरिएंट है, जो टीकाकरण के बाद भी लोगों को अपनी चपेट में ले रहा है।
उन्होंने कहा कि दवा के असर को ज्यादा करने के लिए दूसरी डोज को थोड़ा टालने की जरूरत है। यदि वैक्सीन लेने वाले लोगों को भी कोरोना संक्रमण हो रहा है तो फिर ऐसा किए जाने की जरूरत है।
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फिलहाल डॉ. सुभाष सालुंखे को सरकारी अस्पताल में एडमिट कराया गया है। डॉक्टरों के मुताबिक सालुंखे को मामूली लक्षण ही हैं।
मालूम हो पिछले सप्ताह पुणे दीनानाथ मंगेशकर अस्पताल के दो स्टाफ को कोरोना संक्रमण हो गया था, जबकि उन्होंने वैक्सीन की दोनों डोज ले ली थीं।
इन दोनों कर्मचारियों को वैक्सीन लेने के 14 दिन बाद संक्रमण हो गया था। वहीं कोरोना संक्रमित होने वाले डॉ. भारती ने कहा कि ‘मैं कोरोना संक्रमित हूं और मैंने खुद को परिवार के साथ आइसोलेट कर लिया है। मुझे इसके मामूली लक्षण भी नहीं थे। मैंने बीते रविवार 13 मार्च को कोविशील्ड वैक्सीन ली थी।’
उन्होंने कहा कि उनका परिवार भी कोरोना संक्रमित हो गया है। डॉ. भारती ने कहा, ‘मेरी पत्नी ने कोविशील्ड वैक्सीन की दूसरी डोज भी ले ली थी, लेकिन 14 दिन से कम के अंतराल पर ही वह पॉजिटिव पाई गई हैं।’
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मालूम हो कि कोरोना वैक्सीन को लेकर सवालों के जवाब देते हुए एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा था कि दूसरी डोज लेने के 14 दिन बाद एंटी बॉडीज बनती हैं।
ऐसे में डॉ. सालुंखे के तीन सप्ताह बाद संक्रमित होने को लेकर सवाल जरूर उठता है। डॉ. रणदीप गुलेरिया के मुताबिक पहली और दूसरी डोज के बीच 28 दिनों का अंतर होना चाहिए और दूसरी डोज के 14 दिन बाद एक व्यक्ति के शरीर में एंटीबॉडीज बनती हैं।