Wednesday - 30 October 2024 - 7:47 PM

डिलीवरी ब्वायज से होती है अपराधियों की सांठगांठ!

धीरेन्द्र अस्थाना

लखनऊ। साइबर क्राइम सेल के मुताबिक अपराधियों ने फूड सप्लाई करने वाली बड़ी कम्पनियों के डिलीवरी ब्वायज से सांठगांठ कर रखी है। अपराधियों ने ग्राहकों को फंसाने के लिए मशहूर फूड डिलीवरी कम्पनियों के ‘लोगो’ पर अपना मोबाइल आनलाइन किया है। उस नम्बर पर बात होने पर अपराधी ग्राहकों का पैसा मनी वालेट में ट्रांसफर करने के लिए अपना मोबाइल एप डाउनलोड करने को कहते हैं।

जुबिली पोस्ट आपको सावधान रहने की हिदायत दे रहा है क्योकि घर बैठे फूड डिलीवरी एप के जरिये मनपसंद खाने का आर्डर आपके मोबाइल मनी वालेट में रखा धन उड़ा सकता है। राजधानी लखनऊ में ऐसा ही चौकाने वाला साइबर क्राइम सामने आया है, जिसमें साइबर बदमाशों ने मोबाइल मनी वालेट में रखे 10,843 रुपये उड़ा दिये।

आरोप है कि इस मामले में साइबर बदमाश की मशहूर फूड डिलीवरी कम्पनी की डिलीवरी ब्वायज से मिलीभगत है। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के अम्बरगंज सआदतगंज के रहने वाले मोहम्मद असलम ने 23 मार्च को रात 10.30 बजे स्विगी एप पर अलबैक कम्पनी से तीन बर्गर का आर्डर किया। इसकी कीमत 98 रुपये थी।

ये है पूरा मामलाswiggy कस्टमर केयर नम्बर 8877677122 के लिए इमेज परिणाम

स्विगी की वर्दी पहने डिलीवरी ब्वाय बर्गर लेकर असलम के पते पर पहुंच गया। डिलीवर ब्वाय ने 98 रुपये लेकर पैकेट दे दिया। असलम ने जब पैकेट खोला तो उसमें तीन डिब्बे थे। दो डिब्बों स्विगी कम्पनी के थे और एक डिब्बा जुमैटो का था। तीनों डिब्बों में रखे बर्गर सड़े थे। असलम ने स्विगी कम्पनी में शिकायत करना चाहा, लेकिन उसके पास कस्टमर केयर नम्बर नहीं था।

उसने इंटरनेट पर स्विगी का कस्टमर केयर नम्बर तलाशा। कस्टमर केयर नम्बर 8877677122 था जिस पर स्विगी का ‘लोगो’ था। असलम ने इस नम्बर पर शिकायत की तो उधर से आवाज आयी कि आप चिन्ता न करें। आपका पैसा वापस होगा। पूछा कि क्या आप मोबाइल मनी वालेट का इस्तेमाल करते हैं।

ऐसे करते है ठगी

असलम ने हां कह दिया तो उधर से कहा गया कि हम आपको एक मोबाइल एप का लिंक भेज रहे हैं। आप प्ले स्टोर में जाकर ‘एनीडेस्क’ (Anydesk) एप डाउनलोड कर लीजिये फिर हम बताते हैं। फौरन ही उस एप का लिंक आ गया और असलम ने उस एप को डाउनलोड कर लिया। एप डाउनलोड होते ही उस पर 9 अंकों का नम्बर 384958127 दिखने लगा।

एप डाउनलोड होते ही कस्टमर केयर सेन्टर से फोन पर पूछा गया कि एप पर अंकित नौ डिजिट का नम्बर बता दीजिए। उसी से पैसे आपके मोबाइल मनी एप में ट्रांसफर होंगे। असलम ने फोन पर बात कर रहे व्यक्ति को नौ डिजिट बता दिया। नम्बर बताने के कुछ ही सेकेन्ड के बाद असलम के मनी वालेट में रखे 10,843 रुपये निकल गये।

जान- बूझकर सप्लाई किया जाता है सड़ा फूड

इस साइबर क्राइम में अलबैक, स्विगी व जोमैटो कम्पनी का हाथ नहीं है, लेकिन स्विगी के डिलीवरी ब्वाय की मिलीभगत से इंकार नहीं किया जा सकता है। डिलीवरी बॉयज ग्राहकों को जान- बूझकर ऐसा सामान देते हैं जिसकी शिकायत हो और ग्राहक हेल्पलाइन नम्बर पर फोन करें।

कैश बैक व आफर के चक्कर में फंसते हैं ग्राहक

घर बैठे एप के जरिये मनपसंद खाने का बड़ा क्रेज है। ऐसे लोग ‘कैश बैक व आफर’ की लालच में अधिक खाना मंगवाते हैं। साइब्रर क्राइम के लोग नामचीन कम्पनियों के डिलीवरी ब्वायज के जरिये ग्राहकों को सड़ा खाना सप्लाई करते हैं, ताकि वह शिकायत करें।

पुलिस करती है आनाकानी

साइबर क्राइम के मामले में पुलिस की भूमिका नकारात्मक है। मोहम्मद असलम ने बताया कि वह इस मामले की रिपोर्ट लिखाने के लिए 23 मार्च से भटक रहे हैं। पहले सआदतगंज थाने गये। बताया गया कि साइबर क्राइम के नोडल अफसर से मिलें। असलम ने बताया कि जब नोडल अफसर क्षेत्राधिकारी से मिले तो उन्होंने बताया कि यह मामला चौक थाने से सम्बद्ध है।

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