न्यूज डेस्क
लड़कियों के मोबाइल फोन इस्तेमाल करने पर रोक में कुछ गलत नहीं दिखाई देता। उन्हें तकनीक से दूर रहना चाहिए और पढ़ाई पर ध्यान देना चाहिए।
यह कहना है गुजरात के कांग्रेस विधायक गनीबेन ठाकोर का। यह जनप्रतिनिधि है और ये ठाकोर समुदाय के तुगलकी फरमान का स्वागत करते हैं।
उन्होंने यह बयान ठाकोर समुदाय के तुगलकी फरमान पर दिया है। गुजरात के बनासकांठा जिले में ठाकोर समुदाय के सदस्यों ने अविवाहित महिलाओं के मोबाइल इस्तेमाल करने पर प्रतिबंध और अंतरजातीय विवाह करने वाले युवाओं के माता-पिता पर जुर्माना लगाने का एक फरमान जारी किया है।
कांग्रेस विधायक गनीबेन ठाकोर का तर्क आज के भारत में फिट नहीं होता। ठाकोर ने कहा- मुझे माता-पिता से रोजाना ऐसी शिकायतें आती हैं कि उनकी बेटी किसी अन्य समुदाय के लड़के साथ भाग गई है। इसके साथ ही, पिछले एक महीने में कम से कम 10 ऐसे मामले सामने आए जिनमें लड़के या लड़की ने नहर में कूदकर आत्महत्या कर ली।
ठाकोर यहीं नहीं रूके। केवल लड़कियों के मोबाइल फोन रखने को सही ठहराते हुए उन्होंने कहा, इससे लड़कों पर अपने आप नियंत्रण लग जाएगा। लड़कियां मां-बाप के साथ रहती हैं, इसलिए उन पर आसानी से नियंत्रण लगाया जा सकता है। लड़कियों के मोबाइल फोन नहीं रखने पर प्रतिबंध लगाने का फैसला सही है।
खाप पंचायत हो या देवबंदी, बोहरा समुदाय हो या ठाकोर समुदाय। लड़कियों और महिलाओं के लिए ये सब समय-समय पर तुगलकी फरमान जारी करते रहते हैं। इनके ज्यादातर फरमान महिलाओं और लड़कियों के लिए ही होते हैं। फिलहान ठाकोर समुदाय का एक तुगलकी फरमान चर्चा में हैं।
ऐसा कौन सा क्षेत्र है जहां महिलाओं की भागीदारी नहीं है। शिक्षा से लेकर अंतरिक्ष में महिलाएं अपना झंडा बुलंद कर रही है लेकिन समाज के कुछ अलंबदार है जो आज भी महिला-लड़की के लिए फैसले रहे हैं। वह इसी गुमान में हैं कि उन्हें हक है कि वह इनके लिए फैसले लें।
आठ सौ ठाकोर नेताओं की मौजूदगी में लिया गया फैसला
ठाकोर समुदाय ने अविवाहित लड़कियों के लिए जो फरमान जारी किया है वह 800 ठाकोर नेताओं की मौजूदगी में लिया गया।
ठाकोर समुदाय के एक नेता ने 16 जुलाई को बताया कि जिले के दांतीवाड़ा तालुक में 12 गांवों के समुदाय के बुजुर्गों ने 14 जुलाई को एक बैठक में ‘सर्वसम्मति’ से यह फरमान जारी किया। इस बैठक में समुदाय, मोहल्ले के प्रतिनिधि और युवाओं समेत कुल 800 ठाकोर नेता मौजूद थे।
बैठक में जारी फरमान के अनुसार, ‘अविवाहित महिला को मोबाइल फोन नहीं रखना चाहिए। यदि उन्हें मोबाइल फोन के साथ पकड़ा जाता है तो उनके माता-पिता को जिम्मेदार ठहराया जाएगा।’
इस बैठक के दौरान नेताओं ने कहा कि अंतरजातीय विवाह करने वाले युवाओं के माता-पिता को डेढ़ से दो लाख रुपये जुर्माना भरना होगा।
नेताओं के अपने हैं तर्क
लड़कियों के मोबाइल पर प्रतिबंध पर नेताओं के अपने तर्क हैं। ठाकोर समुदाय के एक नेता ने कहा कि लड़कियों पर मोबाइल फोन के इस्तेमाल को लेकर प्रतिबंध लगाया गया है ताकि वे पढ़ाई पर ध्यान दे सकें। इसके अलावा शादी समारोहों पर अनावश्यक खर्च कम करना भी इन फैसलों में शामिल है। इनमें डीजे, आतिशबाजी और बड़ी बारातों पर रोक का फरमान है।
यहां सवाल उठता है कि मोबाइल से लड़के भी इस्तेमाल करते हैं। तो क्या उनकी पढ़ाई इससे बाधित नहीं होगी।
इस मामले में विधायक अल्पेश ठाकोर ने कहा कि वह शादियों में अनावश्यक खर्च रोकने के फैसले का स्वागत करते हैं ताकि शिक्षा पर अधिक धन खर्च किया जा सके।
पिछले कुछ समय में जिले से अंतरजातीय विवाह के कई मामले सामने आने के बाद यह कदम उठाया गया।
डेढ़ से दो लाख का जुर्माना
इस फरमान के अनुसार, अगर ठाकोर समुदाय की लड़की किसी अन्य समुदाय के लड़के से शादी करती है तो परिवार को डेढ़ लाख रुपये का जुर्माना भरना होगा। वहीं, अगर ठाकोर समुदाय का लड़का किसी अन्य जाति की लड़की से शादी करता है तो उसके परिवार को दो लाख रुपये का जुर्माना भरना होगा।