जुबिली न्यूज़ ब्यूरो
लखनऊ. उत्तर प्रदेश की चुनावी प्रक्रिया के दौरान अयोध्या के जिलाधिकारी आवास का भगवा रंग का बोर्ड बुद्धवार को हरा कर दिया गया तो अयोध्या समेत पूरे प्रदेश में यह बोर्ड चर्चा का मुद्दा बन गया. डीएम नितीश कुमार ने इस मामले से पल्ला झाड़ते हुए गेंद पीडब्ल्यूडी के पाले में डाल दी. पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों ने इसे सामान्य बात बताते हुए कहा कि हमेशा से हरे बोर्ड होते रहे हैं. इसमें कुछ भी नया नहीं है लेकिन जब लोगों के चुटकी लेने का क्रम रुका नहीं तो 24 घंटे के भीतर अयोध्या के जिला प्रशासन ने उस बोर्ड का रंग फिर से बदलते हुए लाल रंग का कर दिया.
डीएम अयोध्या ने बुद्धवार को इस पचड़े से निकलने की कोशिश में यह सफाई पेश की थी कि पहली बात तो यह है कि उनका इस बोर्ड से कोई लेना देना ही नहीं है. यह काम पीडब्ल्यूडी का है. लेकिन जब सोशल मीडिया पर डीएम अयोध्या के आवास पर लगा बोर्ड वायरल होने लगा तो आनन-फानन में इस बोर्ड का रंग बदलकर लाल कर दिया गया.
जिलाधिकारी आवास के बोर्ड का मुद्दा सोशल मीडिया पर इसलिए वायरल हुआ था क्योंकि 2017 में जब योगी आदित्यनाथ की सरकार बनी थी तब प्रदेश के सभी सरकारी दफ्तरों के बोर्ड का रंग बदलकर भगवा कर दिया गया था. चुनावी प्रक्रिया के दौरान डीएम आवास के बोर्ड के रंग को बदले जाने पर यह कयास लगाए जाने लगे थे कि अधिकारी पहले से समझ लेते हैं कि चुनाव का रुझान क्या है. अधिकारियों ने महसूस कर लिया है कि बाबा मुख्यमंत्री जा रहे हैं और अखिलेश आ रहे हैं तो भगवा बोर्ड हटा दो लेकिन विवाद गर्म हो गया तो बोर्ड लाल रंग का कर दिया गया. अब यह बोर्ड वायरल हो गया है.
यह भी पढ़ें : पांच साल में माननीयों की सम्पत्ति में आया ज़बरदस्त उछाल
यह भी पढ़ें : नशे में धुत्त पत्नी ने घोंट दिया पति का गला
यह भी पढ़ें : सीएम योगी ने अपने इस पूर्व मंत्री को बताया दगाबाज़
यह भी पढ़ें : डंके की चोट पर : बम घरों पर गिरें कि सरहद पर, रूह-ए-तामीर ज़ख़्म खाती है